प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह के शनिवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की ये पहली मालदीव यात्रा होगी। बता दें कि पीएम मोदी ने मोहम्मद सोलिह को उनके राष्ट्रपति चुने जाने पर बनने पर बधाई दी थी। इसके बाद मोहम्मद सोलिह ने उन्हें अपने शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया था। पीएम मोदी ने मालदीव के चुने गए नए राष्ट्रपति से कहा था कि भारत मालदीव के पुनर्निर्माण में हर सम्भव मदद करने के लिए तैयार है। अपनी माले यात्रा को लकेर पीएम ने ट्वीट किया, ‘‘मैं माले जाने को लकेर बेहद उत्साहित हूं। मोहम्मद सोलिह की नयी मालदीव सरकार को उनकी विकास प्राथमिकताओं विशेषकर आधारभूत क्षेत्र, स्वास्थ्य देखभाल, सम्पर्क एवं मानव संसाधन विकास को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की भारत सरकार की मंशा से अवगत कराऊंगा।’’
अपने ट्वीट में पीएम ने मालदीव के लोकतंत्र की तारीफ की। पीएम ने कहा कि हालिया चुनाव लोकतंत्र, कानून का शासन एवं समृद्ध भविष्य के लिए लोगों की सामूहिक आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। पीएम ने मालदीव के लोगों को शुभकामना देते हुए कहा कि भारत की ये प्रबल मंशा है कि मालदीव स्थिर, लोकतांत्रिक, समृद्ध और शांतिपूर्ण गणतंत्र बना रहे।
मालदीव में लम्बे समय के बाद एक बार फिर से सत्ता परिवर्तन होने जा रहा है। निवर्तमान राष्ट्रपति यामीन अब्दुल्ला की चुनाव में हार के बाद नए राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह देश के नए राष्ट्रपति का कार्यभार संभालेंगे। यामीन अब्दुल्ला के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंध उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। अब पड़ोसी देश मालदीव की सियासी फिजा बदली है। बदले दौर में अब भारत नए राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहता है। अपने इस कदम से भारत दो मोर्चों पर वार कर रहा है। एक तरफ तो भारत पीएम के इस के इस दौरे से भारत और मालदीव के रिश्ते फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, वहीं उसकी नजर चीन पर भी है। बेटे कुछ सालों से चीन का प्रभाव इस समूचे क्षेत्र में काफी मजबूत हुआ है।