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POK में सर्वे: पाकिस्तान से दिलाओ आजादी, सरकार ने बंद किया अखबार

Published: Sep 13, 2017 01:36:00 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

पीओके के फेमस अखबार डेली मुजदाला ने किया था एक सर्वे, जिसमें 73 फीसदी लोगों ने जताई थी पाकिस्तान से आजादी की इच्छा

POK
रावलकोट/पीओके: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आजादी की मांग समय-समय पर उठती रहती है। आए दिन POK में पाकिस्तान के अत्याचारों से त्रस्त लोग आजादी की मांग करते हैं और जमकर नारेबाजी करते हैं। इस बीच पाकिस्तान का तालिबानी राज पीओके में देखने को मिला है। दरसअल, पाकिस्तान ने पीओके में सबसे ज्यादा बिकने वाले उर्दू अखबार डेली मुजादाला पर बैन लगा दिया है।
73 फीसदी लोगों को चाहिए आजादी!
डेली मुजदाला ने हाल ही में पीओके को लेकर एक सर्वे दिखाया था, जिसमें कि लोगों से पूछा गया था कि उनके पाकिस्तान में रहने को लेकर क्या विचार हैं। इस सर्वे में करीब 73 फीसदी लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ वोट दिया था। पीओके के शहर रावलकोट से प्रकाशित होने वाले इस अखबार के सर्वे को देखकर पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था। ऐसे में पाकिस्तान सरकार ने तुरंत अखबार को बैन करने का आदेश दे दिया।
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अखबार के एडिटर ने पूछे लोगों से 2 सवाल
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, अखबार के एडिटर हारिस क्वादर ने बताया,” हमने लोगों से दो सवाल पूछे पहला कि क्या वो 1948 के कश्मीर के स्टेटस को बदलना चाहते हैं तो ज्यादातर लोग इसपर सहमत दिखे। तो वहीं 73 प्रतिशत कश्मीरी पाकिस्तान से आजादी के पक्ष में नजर आए।” फिर उन्होंने बताया कि इस सर्वे के प्रकाशित होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने शुरू में उन्हें नोटिस भेजकर डराया। इसके बाद उन्होंने मेरे दफ्तर पर ताला लगा दिया।
10 हजार लोगों पर हुआ सर्वे
आपको बता दें कि ये सर्वे पीओके में करीब 10 हजार लोगों के बीच कराया गया था वहीं करीब इस सर्वे में 5 साल का वक्त लगा था। जिसमें करीब 73 प्रतिशत कश्मीरी पाकिस्तान से अलग होने की बात पर सहमत पर नजर आए। पीओके में आजादी की मांग कोई नई बात नहीं है। इससे पहले सिंध और बलूचिस्तान में भी आजादी की मांग उठती रहती है।
आपको बता दें कि पीएम मोदी भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से पीओके, बलूचिस्तान और गिलगिट के लोगों के प्रति सांत्वना जता चुके हैं।

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