लक्जरी संपत्तियों के मामले में जुलाई में नवाज शरीफ और उनके परिवार को दोषी ठहराया था। लेकिन इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ ने बुधवार को उनको बड़ी राहत दी। नवाज शरीफ के जेल में रहने से 25 जुलाई के चुनावों में उनकी राजनीतिक पार्टी को बहुत नुकसान पहुंचा था और इमरान खान ने लगभग एक तरफा जीत हासिल की थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को पर्यवेक्षकों ने पाकिस्तान की कानून व्यवस्था और व्यक्ति विशेष की आजादी के लिए न्यायिक संवेदना के रूप में देखा है । पर्यवेक्षकों ने कहा कि अदालत ने संकेत दिया कि शरीफ को दोषी ठहराए जाने वाले सबूत बहुत कमजोर थे।
शरीफ परिवार ने जवाबदेही अदालत के फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।जवाबदेही अदालत के फैसले के वक्त नवाज शरीफ लंदन में थे और वहां उनकी पत्नी कुलसुम नवाज का इलाज चल रहा था। दोषी ठहराए जाने के बाद नवाज और उनकी बेटी को स्वदेश वापसी के बाद लाहौर में गिरफ्तार कर अदियाला जेल भेज दिया गया था। बुधवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट का फैसला आते ही पीएमएल-नवाज गुट के कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे।
जवाबदेही अदालत के विशेष वकील मोहम्मद अकरम कुरैशी ने शरीफ परिवार की रिहाई का विरोध किया। लेकिन हाईकोर्ट के जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने कहा, ‘जवाबदेही ब्यूरो जांच के बाद भी एवनफील्ड पर नवाज शरीफ के मालिकाना हक को लेकर कोई सबूत पेश नहीं कर पाया है। जवाबदेही ब्यूरो चाहता है कि सिर्फ अनुमान के आधार पर कोर्ट मान ले कि इन सम्पत्तियों पर नवाज शरीफ का मालिकाना हक है।’