पाकिस्तान पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब एक और सर्जिकल स्ट्राइक की खबर सुनने को मिल सकती है। बता दें कि भारतीय सेना इससे पहले भी म्यांमार पर स्ट्राइक कर चुकी है। 2015 में भी सेना ने म्यांमार में उग्रवादी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइल की थी। बताया जा रहा है कि म्यांमार में उग्रवादियों के करीब 38 कैंप हैं। हालांकि भारत सरकार इस मुड़े को बातचीत से हल करने के पक्ष में है लेकिन अगर बात बनती नजर नहीं आई तो सेना कोई कड़ा कदम उठा सकती है। भारतीय सेना के इंटेलिजेंस और म्यांमार आर्मी ने एनएससीएन के खिलाफ ऑपरेशन की तैयारी की है। बताया जा रहा है कि उग्रवादी संगठन एनएससीएन का एक गुट म्यांमार के कोनयांक रीजन में अपना आधार शिविर बनाए हुए है। यह इलाका भारतीय सेना के नागालैंड से लगता है।
हालांकि 2015 में भारतीय सेना ने म्यामांर में उग्रवादी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइल की थी लेकिन फिलहाल भारत सरकार की कोशिश यह है कि नागा अतिवादी गुटों से कोई समझौता हो जाए। हालांकि कई नागा संगठन बातचीत करने के लिए तैयार हैं लेकिन एनएससीएन (के) बातचीत के लिए तैयार नहीं है। हालांकि म्यांमार की सेना ने एनएससीएन (के) पर बातचीत का दबाव बढ़ाने की कोशिश की है। लेकिन एनएससीएन (के) अपनी अलग नगा होमलैंड की मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इंटेलिजेंस इनपुट्स के मुताबिक एनएससीएन (आईएम) के करीब 30 कैडर हैं जबकि एनएससीएन (के) की संख्या करीब 150-200 है। बता दें कि पिछले महीने भारत और म्यांमार के बीच हुई 22 वीं बॉर्डर मीटिंग में दोनों देश सक्रिय उग्रवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने को राजी हो गए थे।