23 जनवरी को हुई थी अवमानना की याचिका दायर डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, खान के खिलाफ अवमानना याचिका 23 जनवरी को पीटीआई के असंतुष्ट सदस्य अकबर एस. बाबर ने दायर की थी, जिन्होंने 2011 में खान के ऊपर कथित तौर पर पार्टी में आंतरिक भ्रष्टाचार और पार्टी के लिए अवैध धन जुटाने का आरोप लगाया था। ईसीपी का फैसला आईएचसी की तीन सदस्यीय पीठ द्वारा आयोग को अवमानना आवेदन पर कानून के अनुसार आगे कार्रवाई करने का निर्देश देने के एक दिन बाद घोषित किया गया था।
खान पर समन नजरअंदाज का आरोप रिपोर्ट में कहा गया है, खान और अवान पिछले तीन सालों से ईसीपी और आईएचसी में कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं। खान ने कमीशन के सामने पेश होने वाले आधा दर्जन ईसीपी समन को नजरअंदाज कर दिया था। उनके मुताबिक, संसद के किसी सदस्य के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने का हक आयोग के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है।
चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस गौरतलब है कि पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने अवमानना के एक मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। आयोग ने यह कदम कई बार तलब किए जाने के बावजूद इमरान के पेश नहीं होने पर उठाया है। खान के खिलाफ अवमानना का यह मामला उन्हीं की पार्टी के संस्थापक नेताओं में से एक अकबर एस. बाबर ने दाखिल किया है।