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प्रत्यर्पण बिल को लेकर सख्त हुई हांगकांग सरकार, प्रदर्शनकारियों पर भारी बल प्रयोग में 70 से अधिक घायल

locationनई दिल्लीPublished: Jun 13, 2019 06:41:50 pm

Submitted by:

Shweta Singh

हांगकांग में जारी है प्रत्यपर्ण बिल के खिलाफ प्रदर्शन
बुधवार को भी सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प
कई सरकारी कार्यलय किए गए हैं बंद

हांगकांग। चीन के स्वायत्त क्षेत्र हांगकांग (Hong Kong) में विवादित प्रत्यर्पण बिल (Extradition Bill) के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। इस बिल को लेकर दशकों में सबसे भयानक हिंसा देखने को मिल रही है। इसके चलते वहां के मुख्य वित्तीय जिले में कुछ सरकारी कार्यालयों को बंद करना पड़ा। बता दें कि यह हिंसा उस वक्त भड़की जब इस बिल पर विधायिका सदन में डिबेट होनी थी। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों को इस प्रक्रिया में भाग लेने से रोकने की कोशिश की थी।

बुधवार को हुई हिंसा के बाद अलर्ट पर हांगकांग का वित्तीय जिला

यही वजह है कि एहतिहात के तौर पर गुरुवार को सरकारी हेडक्वार्टर्स के पास उन जगहों से लोगों को हटाने का काम जारी है, जहां एक दिन पहले पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी। बता दें कि हांगकांग में प्रस्तावित इस बिल के अंतर्गत क्षेत्र के किसी भी संदिग्ध या अपराधी को हांगकांग सौंप दिया जा सकता है। विशेषज्ञों और प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इससे हांगकांग हमेशा के लिए चीन के अधीन हो जाएगा। यह एक तरह से चीन की आजादी पर खतरा है। बुधवार को हुए हंगामे के बाद इस बिल पर चर्चा टाल दी गई है। अभी तक हांगकांग के विधान परिषद (Legislative Council) ने डिबेट के लिए आगे की भी कोई तारीख निर्धारित नहीं की है।

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विरोध के बावजुद सरकार ने पीछे नहीं लिए कदम

हालांकि, लोगों के इतने विरोध के बावजूद भी सरकार अपना कदम पीछे लेने को तैयार नहीं है। बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने जब अधिकारियों का रास्ता रोका तो पुलिस ने भी सख्त रवैया अपनाया। उन्होंने लोगों पर आंसु गैस के गोले और रबर बुलेट दागे। घंटेभर जारी हिंस के बाद रात को आखिरकार माहौल कुछ शांत हुआ। बता दें कि इस बिल के बाद चीनी प्रशासन कभी भी राजनैतिक या अनजाने में हुए व्यावसायिक अपराधों के चलते उन्हें अपने कब्जे में ले सकते हैं। इस कानून से शहर की अर्द्ध स्वायत्त (Semi-autonomous) कानून प्रणाली भी कमजोर होगी।

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मानवाधिकार समूहों का दावा

दूसरी ओर मानवाधिकार समूहों ने पुलिस पर प्रदर्शनकारियों पर ‘अत्यधिक बल’ के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। बता दें कि उक्त हिंसा में करीब 72 लोग जख्मी हुए हैं, जिनकी उम्र 15 से 66 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इनमें से दो आदमियों की हालत बेहद नाजुक है।

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हांग कांग नेता कैरी लैम का बयान

वहीं, इस हिंसा के बाद अपने संबोधन में हांगकांग की नेता कैरी लैम ने इस हिंसा को सोची-समझी साजिश का परिणाम बताया। आंसू भरे आंखों से कैरी ने कहा कि यह प्रदर्शन ‘संगठित दंगा’ का हिस्सा था। कैरी ने इस आरोप से भी इनकार किया कि उन्होंने हांगकांग को ‘बेचा’ है।

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