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FATF ने पाकिस्तान को दी नसीहत, आतंकी वित्तपोषण मामलों पर सख्ती दिखाए

locationनई दिल्लीPublished: Feb 19, 2020 11:39:31 am

Submitted by:

Mohit Saxena

FATF आंतकवाद को आर्थिक सहायता मुहैया करने के मामलों पर निगाह रखता है।
लंदन में बैठक 21 फरवरी तक चलेगी, किया जा रहा मूल्याकन

imran khan

इमरान खान।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान को FATF ने ब्लैकलिस्ट तो नहीं किया है, मगर उसे नसीहत दी कि वह आतंकियों का पनाहगाह न बने। उसने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि वह आतंकी वित्तपोषण मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानून को और कड़ा कर दे। गौरतलब है कि FATF आंतकवाद को आर्थिक सहायता मुहैया करने के मामलों पर निगाह रखता है।
FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट ( Gray List ) में बरकरार रखने का फैसला किया

पाकिस्तान के प्रदर्शन का मूल्यांकन

संस्था का सह-समूह अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (ICRG) पेरिस में चल रही अपनी बैठक में पाकिस्तान के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रहा है। यह बैठक 21 फरवरी तक चलेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, FATF ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान की पहल पर संतोष तो व्यक्त किया है, लेकिन उससे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के वित्तपोषण में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून को और कड़ा करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि पैरिस में FATF की बैठक चल रही है। सप्ताह भर चलने वाली FATF की इस अहम बैठक में तय होगा कि पाकिस्तान संस्था की ‘ग्रे लिस्ट’ में बना रहेगा या उसे ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल जाएगा या फिर वह इन लिस्ट से बाहर हो जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान आगे भी ग्रे लिस्ट में बना रह सकता है। पाक के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि अगर एफएटीएफ पाकिस्तानी सबूतों से संतुष्ट नहीं हुआ तो उसे आखिर में वह ब्लैकलिस्ट हो सकता है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में तुर्की और मलयेशिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी पर नाकाम रहे।
FATF की कार्यशैली

FATF पेरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। यह संस्था 1989 में गठित हुई थी। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी दिक्कत आती है।
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