scriptईयू को म्यांमार पर दबाव बनाकर रखना चाहिए : बांग्लादेशी राष्ट्रपति | Bangladesh president said EU should keep pressure on Myanmar | Patrika News

ईयू को म्यांमार पर दबाव बनाकर रखना चाहिए : बांग्लादेशी राष्ट्रपति

locationनई दिल्लीPublished: Oct 19, 2017 06:48:56 am

Submitted by:

Prashant Jha

हाल ही में पहुंचे इन रोहिंग्या शरणार्थियों के बाद बांग्लादेशी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या लोगों की कुल संख्या बढ़कर 10 लाख हो गई है।

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ढाका: बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने कहा है कि यूरोपीय संघ (ईयू) को म्यांमार पर दबाव बरकरार रखना चाहिए ताकि वह बांग्लादेश भाग कर आए रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस आने दे। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव मोहम्मद जैनुलआब्दीन ने बीडीन्यूज 24 डॉट कॉम को बताया कि हमीद ने इस संकट के दौरान समर्थन के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) की प्रशंसा की, जब संघ की नई राजदूत रेंस्जे टीरिंक ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में में अपना परिचय पत्र दर्ज कराया।
करीब 6 लाख रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश शिविर में पहुंचे

डच नागरिक टीरिंक ने भी बांग्लादेश के मानवीय व्यवहार की प्रशंसा की, जिसमें शराणार्थियों को रहने के लिए विभिन्न शिविर मुहैया कराने जैसी मदद शामिल है। रखाइन राज्य में 25 अगस्त को सैन्य कार्रवाई के बाद से पौने छह लाख रोहिंग्या शराणार्थी भाग कर बांग्लादेश पहुंचे हैं। हाल ही में पहुंचे इन रोहिंग्या शरणार्थियों के बाद बांग्लादेशी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या लोगों की कुल संख्या बढ़कर 10 लाख हो गई है।करीब 4 लाख राज्यहीन मुस्लिम अल्पसंख्यक जो म्यांमार में पिछली हिंसा के बाद भागकर आए थे, वे पहले से ही बांग्लादेश में रह रहे हैं।
48 घंटों मे दस से 15 हजार रोहिंग्या पहुंचे

गौरतलब है कि बांग्लादेश में पिछले 48 घंटों में 10,000 से 15,000 के बीच रोहिंग्या शरणार्थी पहुंचे हैं, जिससे म्यांमार से भागकर आने वाले इन मुस्लिम अल्पसंख्यकों की कुल संख्या 582,000 है। शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी एफे न्यूज के अनुसार, शरणार्थियों के लिए बने शिविरों में जाने से पहले यह शरणार्थी बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा पंजीकृत होने का इंतजार कर रहे हैं।
पहले चरण का टीकाकरण संपन्न

यूनिसेफ की प्रवक्ता मैरिक्सी मर्काडो ने कहा कि अगले छह महीनों में रोहिंग्या शरणार्थी बच्चों की सहायता के लिए अभी तक संगठन ने 7.6 करोड़ डॉलर में से केवल सात प्रतिशत जुटाने में सफलता पाई है। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने पहले चरण में बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में 680,000 रोहिंग्या शरणार्थियों को हैजा से बचने के लिए टीकाकरण संपन्न किया। दूसरा चरण अगले हफ्ते शुरू हो जाएगा, लेकिन इसमें केवल एक से पांच साल के 200,000 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा।
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