खलीदा जिया की पार्टी ने चुनाव में उतरने का किया था फैसला
वहीं एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री खलीदा जिया की अगुवाई वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने आम चुनाव में उतरने का फैसला किया था और अब इस चुनाव को स्थगित कर दिया गया है। बीएनपी नवगठित विपक्षी गठबंधन ‘नेशनल यूनिटी फ्रंट (एनयूएफ)’ का हिस्सा है। ऐसे में गठबंधन पार्टी ने एक माह तक इस चुनाव को टालने की मांग भी की है।
28 नवंबर तक स्वीकार किए जाएंगे नामांकन
हुदा ने कहा कि चुनाव आयोग ने बीएनपी द्वारा इस चुनाव में हिस्सा लेने के फैसले का स्वागत किया था। बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने पहले कहा था कि उन्होंने सरकार से चुनाव में सभी के लिए बराबरी के अवसर सुनिश्चित करने की गुजारिश की थी। हुदा ने आगे कहा कि चुनाव आयोग अब आम चुनाव के लिए 28 नवंबर तक नामांकन स्वीकार करेगा। उन्होंने कहा, ‘बीएनपी और ओकाया फ्रंट ने कहा था कि वे इस चुनाव में हिस्सा लेना चाहते हैं। चुनाव आयुक्त ने इस मामले की चर्चा की है और तब जाकर यह फैसला किया है।’
किसी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं
प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग (एएल) और विपक्षी जातीय पार्टी ने कहा कि उन्हें चुनाव आयोग कार्यक्रम में हुए परिवर्तन से कोई आपत्ति नहीं है। बता दें कि एल पार्टी की स्थापना शेख मुजिब-उर रहमान ने 1971 में की थी और यह 1973 से ही सत्ता में है। साल 2009 में यह पार्टी फिर सत्ता में आई और 2014 में भी इसने जीत हासिल की। हालांकि, यह पार्टी अब खालिदा जिया की बीएनपी और उसके संगठन से चुनौतियों का सामना कर रही है। बीएनपी ने 2014 में हुए आम चुनाव का बहिष्कार भी किया था।