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जलवायु परिवर्तन से थाईलैंड को बड़ा खतरा, 2030 तक समुद्र में समा जाएगा बैंकाक का आधा हिस्सा

locationनई दिल्लीPublished: Sep 02, 2018 05:31:10 pm

गंभीर चेतावनी देते हुए विश्व बैंक ने कहा है कि महज एक दशक में देश की राजधानी का 40 फीसदी आंशिक रूप से पानी में डूब जाएगा।

Bangkok

जलवायु परिवर्तन से थाईलैंड को बड़ा खतरा, 2030 तक समुद्र में समा जाएगा बैंकाक का आधा हिस्सा

बैंकाक। विश्व भर के मौसम में हो रहे बदलाव और दिन पर दिन बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभावों को अगर समय रहते रोका न गया तो थाईलैंड की राजधानी बैंकाक का 40 फीसदी हिस्सा समुद्र में विलीन हो जाएगा। समुद्र के तट पर दलदली जमीन पर बसा बैंकॉक इस समय समुद्र तल से महज डेढ़ मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। माना जा रहा है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते समुद्र का जल स्तर बढ़ने से पूरे विश्व में सबसे अधिक खतरा इस शहर को है। अगर ग्लोबल वार्मिंग के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए तो बैंकाक के अस्तित्व पर ही संकट मडराने लगेगा।
विश्व बैंक की चेतावनी

जलवायु परिवर्तन पर बैंकाक में होने वाली बैठक से पहले विश्व बैंक ने थाई सरकार को चेतवानी देते हुए यह रिपोर्ट जारी की है। बता दें कि बैंकाक इस समय खुद को पर्यावरण संकट से बचाने के लिए जूझ रहा है। विश्व बैंक ने चेतवनी जारी की है कि थाईलैंड की खाड़ी के पास समुद्र का स्तर हर साल चार मिलीमीटर ऊपर उठ रहा है। गंभीर चेतावनी देते हुए विश्व बैंक ने कहा है कि महज एक दशक में देश की राजधानी का 40 फीसदी आंशिक रूप से पानी में डूब जाएगा।
कई अन्य शहरों पर भी खतरा

विश्व बैंक ने बैंकाक की साथ साथ दुनिया की कई ने देशों की लिए भी एडवाइजरी जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक बैंकाक के अलावा जकार्ता और मनीला जैसे दक्षिण एशियाई शहरों पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इसके अलावा भारत के मुंबई शहर के कुछ इलाकों के डूब जाने की आशंका जताई जा रही है। ग्रीनपीस थाईलैंड के तारा बुआकामसरी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारी बारिश, मौसम के पैटर्न में बदलाव के कारण 2030 तक बैंकॉक का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूब जाएगा। बता दें कि मौजूदा वक्त में थाई राजधानी हर साल एक से दो सेंटीमीटर डूब रही है।
थाईलैंड में जलवायु सम्मेलन

थाईलैंड की राजधानी में संयुक्त राष्ट्र के अगले जलवायु सम्मेलन की तैयारी जोरों पर चल रही है। देश में इसके लिए मंगलवार से बैठकों का दौर शुरू हो रहा है। इस बीच विश्व बैंक की रिपोर्ट आने से थाईलैंड में हलचल मच गई है। हाल के दिनों में दुनिया के कई देशों में जलववायु सम्बन्धी होने वाले बदलावों के चलते सरकारों पर 2015 की पेरिस जलवायु संधि को लागू करने का दबाव बढ़ गया है।

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