इंडोनेशिया की आपदा न्यूनीकरण एजेंसी ने बेघर हुए लोगों के लिए अस्थाई आश्रय बनाए हैं और उन्हें खाने-पीने का सामान व अन्य रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं मुहैया कराई जा रही हैं। बाढ़ के कारण कुछ इलाकों में घर पूरी तरह से बह गए हैं। पीड़ितों को हैलीकॉप्टर से खाने-पीने की सामग्री मुहैया कराई जा रही है। आधिकारिक सूचना के अनुसार- 30 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गई है। इनके शव बरामद कर लिए गए हैं।
युद्ध स्तर पर बचावकार्य जारी है। बचावकर्मी अभी भी लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। आपदा प्रबंध अधिकारी के अनुसार- मंगलवार शाम हुई भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद हजारों लोगों को सरकारी आश्रयों में शिफ्ट किया गया। अधिकारी ने कहा कि 3,481 लोगों को उनके घरों से निकालना पड़ा। प्रांतीय राजधानी माकासर के कुछ हिस्सों पर भी बाढ़ का असर पड़ा है। यही नहीं बाढ़ में धान के 11,433 हेक्टेयर खेत डूब गए हैं, नौ बड़े पुल, छह धार्मिक स्थान और 13 स्कूल ध्वस्त हो गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- 3,000 से अधिक लोगों को बाढ़ और भूस्खलन के बाद बचा लिया गया है। कम से कम 46 लोगों का इलाज स्थानीय अस्पतालों और क्लीनिकों में चल रहा है।
बता दें, इंडोनेशिया में भूस्खलन और बाढ़ आम है। अक्टूबर और अप्रैल के बीच मॉनसून के समय में यहां जमकर बारिश होती है। इसके बाद भूस्खलन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। अक्टूबर में, सुमात्रा द्वीप के कई जिलों में भारी बाढ़ और भूस्खलन ने कम से कम 22 लोग मारे गए थे।