नौवीं कक्षा तक सिर्फ 13 फीसदी लड़कियां ही रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई 2018 में चुनकर आई नई सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र में भी कहा था कि सवा दो करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। खासतौर पर लड़कियां ज्यादा प्रभावित हैं। रिपोर्ट के अनुसार पाक में प्राथमिक विद्यालय जाने की उम्र वाली 32 प्रतिशत बालिकाएं स्कूली शिक्षा से वंचित हैं। जबकि इस मामले में लड़कों का प्रतिशत 21 है। छठी कक्षा तक 59 प्रतिशत लड़कियां स्कूलों से बाहर हो जाती हैं। नौवीं कक्षा तक सिर्फ 13 फीसदी लड़कियां ही स्कूली शिक्षा जारी रख पाती हैं। 2017 में पाकिस्तान ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.8 प्रतिशत से भी कम शिक्षा पर खर्च किया।
राजनीतिक हालात भी जिम्मेदार रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर लड़कियां स्कूल जाने से वंचित हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यहां ये लोगों की मानसिकता है। यहां पर कट्टरपंथ लड़कियों की शिक्षा को लेकर उदासीन है। लड़कियों को पर्दे में रखना और उन्हें घरेलू कामकाज में उलझाकर रखना यहां के लोगों की जीवनशैली बन चुकी है। इस साथ राजनीतिक हालात भी गिरती शिक्षा के लिए जिम्मेदार है।