युद्ध की तैयारी कर रहा है भारत
पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने ये भी कहा कि पाक में अभी भी नई दिल्ली की तरफ से होनेवाली कार्रवाइयों का ठोस जवाब देने की क्षमता है। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारतीय सेना प्रमुख के उग्र बयानों पर ध्यान देने की मांग भी की। शहबाज शरीफ ने ये भी दावा किया कि भारत की तरफ युद्ध की तैयारी वाला माहौल बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि भारत के सेना प्रमुख की बोली पाक के लिए धमकीभरी थी। गौरतलब है कि भारतीय सेना प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।
इमरान खान की चिट्ठी
गौरतलब है कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शांति वार्ता बहाल करने और संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली से पहले दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात का प्रस्ताव देते हुए एक चिट्ठी लिखी थी। लेकिन भारत ने सीमा पर हो रही वारदातों और कुछ समय पहले ही बीएसएफ जवान के साथ की गई निर्ममता के कारण इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।
ट्विटर पर जताई नाराजगी
पहले इस पर शुक्रवार को पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने टिप्पणी करते हुए भारत को इसके लिए गुनाहगार बताया, इसके बाद शनिवार को पाक पीएम इमरान ने भी ट्वीट कर भारत के फैसले पर कड़वी प्रतिक्रिया दी। अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इमरान खान ने ट्विटर पर पोस्ट किया। उनकी तिलमिलाहट उनके पोस्ट में साफ झलक रही थी, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘शांति बहाली के लिए शांति वार्ता की ओर मेरी पहल पर भारत के अहंकारी और नकारात्मक प्रतिक्रिया से मै बेहद निराश हूं।’ इसके बाद उन्होंन बिना प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए उन पर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा,’हालांकि, मैं अपनी पूरी जिंदगी ऐसे छोटे लोगों से मिला हूं जो बड़े दफ्तरों पर ऊंचे पदों पर बैठे तो हैं, लेकिन उनके पास भविष्य के लिए दूरदर्शी सोच का अभाव है।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का बयान
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ये ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है। कुरैशी ने डॉन ऑनलाइन से कहा कि हमने पहले ही भारत को कह दिया था कि अगर वे हमारी तरफ एक कदम बढ़ाएंगे, तो हम दो कदम बढ़ाएंगे। लेकिन, इससे तो लगता है कि वे केवल एक कदम बढ़ाने के बाद लड़खड़ा गए। बौखलाए कुरैशी ने कहा कि दुनिया को देखना चाहिए कि ‘पाकिस्तान ने स्थिति को लेकर सकारात्मक रवैया अपनाया है, जबकि भारत का रवैया आगे बढ़ने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे लगता है कि नई दिल्ली आंतरिक दबाव का सामना कर रहा है। कुरैशी ने कहा कि मैं केवल यही कहूंगा, एक मौका था जिसे गंवा दिया गया। वार्ता केवल सम्मानजनक तरीके से हो सकती है..अगर वे इसके लिए इच्छुक नहीं हैं तो हम भी कोई जल्दबाजी में नहीं हैं।