इसी के चलते मतस्य विभाग की टीम ने सोमवार को अशोकनगर नगर पालिका कार्यालय के सामने ही दो दुकानों पर की जांच में दो क्विंटल प्रतिबंधित मछली मिली जब्त की है। प्रतिबंध के बावजूद शहर में इस मछली के इतनी भारी मात्रा में सटॉक को देख छापामार टीम के अधिकारी भी हैरान रह गए। फिलहाल, विभाग द्वारा अब इस मछली के शहर में आने के स्रोत की जांच शुरु कर दी गई है।
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मतस्य विभाग के प्रभारी सहायक संचालक संजय धाकड़ दने बाजार में मछली दुकानों की जांच की तो नपा कार्यालय के सामने वाली दो दुकानों में ये प्रतिबंधित थाई मागुर मछली जब्त की है। एक दुकान पर डेढ़ क्विंटल और दूसरी दुकान पर 50 किलो प्रतिबंधित मछली पकड़ी गई है। इससे टीम ने उसे जब्त कर जमीन में गड्ढा खोदकर नष्ट किया गया है। साथ ही दुकानदारों को हिदायत दी गई है कि प्रतिबंधित मछली का भविष्य में गलती से भी विक्रय न किया जाए। शुरुआती जांच के आधार पर प्रभारी सहायक ने बताया कि ये प्रतिबंधित मछली राजधानी भोपाल से शहर लाई जाती है।
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मत्स्य विभाग के प्रभारी सहायक संचालक संजय धाकड़ ने बताया कि थाई मगुर मछली खुद ही मांसाहारी मछली होती है, जिसकी वजह से अन्य जलीय जंतु और अन्य मछलियां नहीं पनप पाती हैं। साथ ही, हालिया शोधों में इसे अनय् गंभीर बीमारियों के साथ साथ कैंसर रोग का कारण तक माना गया है। यही कारण है कि इस मछली को साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में प्रतिबंधित किया है। सहायक संचालक का कहना है कि शहर में ये मछलियां कहां से लाई गईं है, फिलहाल इसके स्पष्ट स्त्रोत का पता तो नहीं चल सका है। ऐसा कहा जा रहा है कि ये मछली शहर में भोपाल से लाई गई है। फिलहाल इसे जांच में लिया गया है।