script19 गांवों को जोड़कर नगर परिषद बनाया गया,वार्ड के नाम से पहचाने जाएंगे जिले के ये गांव | villages will be identified by the name of the ward | Patrika News

19 गांवों को जोड़कर नगर परिषद बनाया गया,वार्ड के नाम से पहचाने जाएंगे जिले के ये गांव

locationअशोकनगरPublished: Jul 23, 2019 11:59:15 am

Submitted by:

Arvind jain

पिपरई बनी अब नगर परिषद,- आसपास के 19 गांव हुए पिपरई नगर परिषद क्षेत्र में शामिल, अब 21 हजार 219 जनसंख्या।

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बरोला-जयंतीपुर और ततारपुर अब गांव नहीं, कहलाएंगे विवेकानंद वार्ड

अशोकनगर। बरोला, जयंतीपुर और ततारपुर अब गांव villages नहीं रहे, जो अब पिपरई नगर परिषद municipal का हिस्सा बन गए हैं और अब विवेकानंद वार्ड के नाम से पहचाने जाएंगे। इसी तरह से नगर परिषद क्षेत्र में जुड़े अन्य गांव भी अब गांव नहीं, बल्कि नगर परिषद के वार्डों के नाम से पहचाने जाएंगे। साथ ही अब इनमें चुनाव के माध्यम से सरपंच और पंच Sarpanch & panch h नहीं, बल्कि वार्ड पार्षद चुने जाएंगे।


वार्डों के नाम भी तय कर दिए गए हैं
आसपास के 16 आबादी वाले गांवों और तीन वीरान गांव सहित कुल 19 गांवों को जोड़कर पिपरई ग्राम पंचायत को नगर परिषद बनाया गया है। पिपरई नगर परिषद क्षेत्र में 15 वार्ड गठित किए गए हैं और वार्ड गठित कर वार्डों के नाम भी तय कर दिए गए हैं और इसका 12 जुलाई को मप्र के असाधारण राजपत्र में भी प्रकाशन हो चुका है। इससे अब नगर परिषद में इन गांवों के नाम खत्म होकर वार्डों का नामकरण हो गया है। जिसमें पिपरई ग्राम पंचायत क्षेत्र में नगर परिषद के सात वार्ड गठित हुए हैं, जिन्हें महात्मा गांधी वार्ड, सुभाषचंद्र वार्ड, डॉ.अब्दुल कलाम वार्ड, अंबेडकर वार्ड, भगतसिंह वार्ड, चंद्रशेखर वार्ड और महावीर वार्ड बनाए गए हैं।


ये वार्ड बनाए गए
वहीं जोड़े ग्राम ग्रामीण क्षेत्र में बरोला, जयंतीपुर और ततारपुर को विवेकानंद वार्ड, केशोपुर व बमनुआ को सरदार पटेल वार्ड, सीगोन को महारानी लक्ष्मीबाई वार्ड, बेलई व मक्तनखेड़ी को महाराणाप्रताप वार्ड, देरासा व दौलतखेड़ी को शिवाजी वार्ड, मूडरी व प्यासी को लोकमान्य तिलक वार्ड, खोरीबरी व मोजदी को रविंद्रनाथ टैगोर वार्ड, बरखेड़ा पिपरई व शुक्लापुरी और पडऊवीरान को गुरु गोविंदसिंह वार्ड नाम दिया गया है।

 

लेकिन राजस्व रिकॉर्ड में रहेंगे पुराने ही नाम-
पिपरई तहसीलदार इकबाल खान के मुताबिक नगर परिषद के वार्डों का गठन कर राजपत्र में प्रकाशन हो गया है और अब नगर परिषद 21 हजार 219 जनसंख्या हो गई है। उनका कहना है कि नगर परिषद रिकॉर्ड में तो गांवों के नाम खत्म हो जाएंगे, लेकिन राजस्व के रिकॉर्ड में फिलहाल अभी पुराने नाम ही चलेंगे और उन्हीं नामों पर पटवारी के पास रिकॉर्ड रहेगा।

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