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न सर्वेयरों की हुई व्यवस्था और न हीं बारदाने पर लगने वाला मार्का मिला

locationअशोकनगरPublished: Oct 20, 2018 09:32:42 am

Submitted by:

Arvind jain

– समर्थन मूल्य का लाभ पाने 34 हजार किसानों ने कराए पंजीयन, लेकिन अब तक केंद्रों पर कोई व्यवस्था ही नहीं। – पैसे की जरूरत के चलते किसानों को है खरीदी चालू होने का इंतजार, मैसेज का करते रहे इंतजार।

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न सर्वेयरों की हुई व्यवस्था और न हीं बारदाने पर लगने वाला मार्का मिला

अशोकनगर. शासन ने भले ही समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीद शुरू होने के लिए 20 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की थी। इसके लिए जिले में 35 खरीदी केंद्र भी बनाए गए, लेकिन अब तक जहां खरीदी केंद्रों पर कोई व्यवस्था नहीं हो पाई।
वहीं उपज की गुणवत्ता जांच के लिए अब तक न तो सर्वेयरों की व्यवस्था हो सकी है और न हीं बोरियों पर लगने वाला मार्का उपलब्ध हो सका है। इससे सोमवार तक खरीद शुरू होने की कोई संभावना ही नहीं है।

इस बार जिले के 34 हजार 890 किसानों ने उड़द का पंजीयन कराया है। इसके लिए प्रशासन ने जिले में 35 खरीदी केंद्र भी बना दिए हैं। आज से खरीदी शुरू होना है, लेकिन जिलेभर में एक भी केंद्र पर खरीदी की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है।
खास बात यह है कि गुणवत्ता की जांच के लिए नियुक्त किए जाने वाले सर्वेयरों की शनिवार को ग्वालियर में ट्रेनिंग होना है और कुछ सर्वेयर जिले में इंदौर से भेजे जाएंगे। लेकिन दोनों ही जगहों से अब तक जिले को सर्वेयर उपलब्ध नहीं हो सके हैं। इसके अलावा खरीदी केंद्रों को मिलने वाली बोरियों में लगाने वाला मार्का भी अब तक नहीं दिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि 20 अक्टूबर से खरीद शुरू नहीं हो पाएगी और सोमवार तक इसके शुरू होने की कोई संभावना ही नहीं है।

जबकि जिले के किसान खरीदी के लिए दिनभर मैसेज आने का इंतजार करते रहे, लेकिन शुक्रवार को जिले के किसी भी किसान के पास मैसेज नहीं पहुंचा। खरीदी शुरू होने में देरी को देखते हुए किसानों की चिंताएं बढऩे लगी है।

मंडी में रेट कम और खरीद शुरू होने में देरी से परेशान किसान-
किसानों के मुताबिक वह करीब 20 दिन से अपनी फसलों को तैयार करके रखे हुए हैं। लेकिन मंडी में उड़द की रेट कम है, इससे किसान समर्थन मूल्य खरीदी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि रबी सीजन की बोवनी का समय शुरू हो गया है, इसके लिए सूखे खेतों की सिंचाई और खाद-बीज के लिए पैसे की जरूरत है। यदि खरीदी केंद्र चालू होने में देरी हुई तो किसानों को मजबूरन मंडियों में कम रेट पर ही अपनी फसलें बेचना पडेंगी। इससे किसान परेशान हैं, लेकिन जिम्मेदार उनकी इस समस्या पर गंभीरता दिखाते नजर नहीं आ रहे हैं।

हर बोरी पर दर्ज होगा किसान का नंबर-
इस बार समर्थन मूल्य पर जहां खरीद एजेंसी या खरीदी केंद्र को पैसा मिलने की वजाय उपज का भुगतान सीधे ही किसान के खाते में पहुंचेगा। खरीदी केंद्र जैसे ही खरीदे हुई उपज को वेयरहाउस में जमा कराएंगे तो किसानों के खातों में भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वहीं इस बार बोरियों पर भी नई व्यवस्था रहेगी।
किसानों उपज तुलने के बाद बोरियों पर उनका कोड और साथ में बोरियों की संख्या भी दर्ज की जाएगी। इससे वेयर हाउस में उपज जमा होते ही किसान का नाम भी विभाग को देना होगा। यदि उपज की गुणवत्ता में कोई कमी पाई जाती है तो अन्य किसान का भुगतान न रोककर उस किसान का ही भुगतान रुकेगा।
साथ ही उस खरीदी केंद्र के सर्वेयर और केंद्र संचालक से भी जबाव मांगा जाएगा। ताकि किसानों के अनाज में मिलावट न हो सके और गुणवत्ताविहीन अनाज वेयर हाउसों तक न पहुंचे।


लेकिन धान की नहीं होगी जिले में खरीद-
शासन ने समर्थन मूल्य पर धान की खरीद के भी निर्देश दिए थे, लेकिन जिले में धान की समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होगी। इसका कारण खाद्य विभाग ने रजिस्ट्रेशनों की कम संख्या को बताया है। विभाग के मुताबिक खरीदी केंद्र बनाने के लिए 200 रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हैं, लेकिन जिले में धान के सिर्फ 146 रजिस्ट्रेशन हुए, इससे खरीदी केंद्र नहीं बनाया गया है।

20 अक्टूबर से खरीद शुरू नहीं हो पाएगी। अभी सर्वेयरों की व्यवस्था नहीं हुई और मार्का भी नहीं मिला है। सोमवार के बाद ही खरीद शुरू होने की संभावना है। इस बार भुगतान सीधा किसान के खाते में होगा और किसानों के भुगतान की जिम्मेदार खरीद एजेंसी को नहीं दी जाएगी।
एमएस राजपूत, डीएमओ अशोकनगर

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