scriptनगर में बेखौफ संचालित हो रहा है ट्यूशन का कारोबार | Unconsciously operating in the city, tuition business | Patrika News

नगर में बेखौफ संचालित हो रहा है ट्यूशन का कारोबार

locationअशोकनगरPublished: Oct 29, 2018 10:52:05 am

सुबह से देर रात तक संचालित होते हैं टयूशन सेंटर, गरीब छात्रों का हो रहा है शोषण।

shiksha kendra

Ashoknagar / Isagad Office Development Section Education Officer Isagargarh

अशोकनगर/ईसागढ़. सरकारी स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था के सरकार के दावे नाकाफ ी साबित हो रहे हैं। इसका अंदाजा नगर में संचालित ट्यूशन सेंटरों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है।

दरअसल, आधा दर्जन से भी ज्यादा ट्यूशन सेंटर पर हर दिन अल सुबह से लेकर देर रात तक बच्चे पढऩे के लिए पहुंच रहे हैं। खासबात यह है कि कई ट्यूशन सेंटरों पर तो सरकारी नियमों को धता बताते हुए सरकारी शिक्षक ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
नगर के माडल स्कूल के अलावा उत्कृष्ट स्कूल, कन्या हायर सेकंडरी स्कूल जैसी बड़ी शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हैं। इन स्कूलों में डेढ़ हजार से भी ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। छात्र-छात्राओं की मानें तो ज्यादातर स्कूलों में पढ़ाई पिछड़ जाती है। इस कारण उन्हें ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है।
सुबह से देर रात तक लगी रहती है टयूशन सेंटरों पर भीड़
बड़ी कक्षाओं के टयूशन सेंटरों पर अल सुबह से लेकर देर रात तक बच्चों की भीड़ लगी रहती है। कई कोचिंग सेंटर तो ऐसे हैं, जिनके 10 बाय 12 के एक कमरे में 25 से 30 बच्चों को तक बैठाया जाता है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को होने वाली परेशानी का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
स्कूलों की पिछड़ी पढ़ाई, शिक्षकों की ट्यूशन में है रूचि
जानकारी के अनुसार शासकीय शिक्षकों को टयूशन पढ़ाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। बावजूद इसके कई सरकारी शिक्षक बेखौफ ट्यूशन पढ़ा रहे हैं। यह शिक्षक स्कूलों में तो तय समय से देरी से पहुंचते ही हैं, साथ ही स्कूल का समय पूरा होने के पहले ही रवानगी डाल देते हैं।
नाम नहीं छापने की शर्त पर कई छात्रों ने बताया कि प्रायोगिक परीक्षा में कम अंक मिलने की आशंका से उन्हें मजबूरी में ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है।

गरीब बच्चों को लगती है दोहरी मार
प्रायोगिक परीक्षा में बेहतर अंक और स्कूलों में पढ़ाई पिछडऩे का खामियाजा गरीब बच्चों को चुकाना पड़ता है। दरअसल, टयूशन सेंटर संचालक प्रति छात्र से विषयवार 200 रुपए से लेकर 400 रुपए प्रति महीना तक वसूलते हैं। ऐसे में गरीब बच्चों को परेशानी होना स्वभाविक है। लेकिन प्रायोगिक परीक्षा में बेहतर अंकों के लिए बच्चों को मजबूरी में ट्यूशन करना पड़ती है।
समिति बनी लेकिन नहीं हो सकी कार्रवाई
नगर में ट्यूशन पर रोक के लिए समिति का गठन किया गया था। इसमें एसडीएम और तहसीलदार के अलावा विकास खंड शिक्षा अधिकारी को भी शामिल किया गया था। लेकिन गठन के बाद से लेकर अब तक समिति द्वारा किसी ट्यूशन सेंटर पर कार्रवाई नहीं की। जब समिति का गठन हुआ था तब कुछ समय के लिए समिति द्वारा भ्रमण कर ट्यूशन सेंटरों की जानकारी एकत्रित की गई थी। लेकिन एक सप्ताह बाद यह मुहिम पूरी तरह से ठंडी पड़ गई।

हमने जब-जब ट्यूशन सेंटरों पर छापा मारा, सेंटर पूरी तरह से बंद मिले। अब हम एक पूरी रणनीति के तहत काम करेंगे। इसके तहत पहले ट्यूशन सेंटरों की रैकी कराई जाएगी और फि र कार्रवाई। फि लहाल निर्वाचन कार्य की व्यस्तता चल रही है। यही कारण है कि फि लहाल कार्रवाई संभव नहीं है।
– एसपी नाना, विकासखंड शिक्षा अधिकारी ईसागढ़

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