पुलिस के मुताबिक चारों चोरों ने बताया कि वह उड़ीसा व सिंगरौली में गलियों में गुब्बारे आदि सामान बेचते थे, जहां पर उनकी साथी महिलाओं ने गलियों में घूम-घूमकर सामान बेचने के दौरान ऐसे घरों की रैकी की और मौका पाकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। साथ ही चोरी की वारदात के बाद यह सभी चोर वापस यहां लौट आए और शनिवार को चोरी के इस सामान के खुर्द-बुर्द करने का प्लान था। लेकिन जब पुलिस ने उनके पास से विदेशी मुद्रा देखी तो पुलिस का शक पक्का हो गया और तलाशी ली तो आभूषण और नगदी रुपए बरामद हुए।
थाना प्रभारी रोहित दुबे ने बताया कि उड़ीसा, सिंगरौली और कटनी पुलिस को मामले की सूचना भेजी गई कि इस तरह कि यदि वहां कोई चोरी हुई तो आकर पूछताछ कर लें। इसके अलावा आसपास के अन्य जिलों में हुई चोरी की वारदातों की भी इन चोरों से पूछताछ की जा रही है।इससे अब अन्य जगहों की वारदातों का भी खुलासा हो सकता था।
चोरों को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी रोहित दुबे, प्रधान आरक्षक संतोष तिवारी, पहलवानसिंह, विनोद तिवारी, सुमन पलिया, विनोद यादव, हरिओम धाकड़, हरिसिंह रघुवंशी और जितेंद्र तोमर की मुख्य भूमिका रही। अन्य जगहों पर की चोरी करने वाले चोरों को सामान सहित पकड़े जाने पर एसपी ने अब टीम को पुरुष्कार देने की घोषणा की है।
चारों चोर चोरी का सामान शहर में ठिकाने लगाने के लिए आए थे। इससे अब बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि शहर में आखिर ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो चोरी के आभूषणों को खरीदता है। यह सिर्फ पहला मामला नहीं है, पिछले वर्ष तमिलनाडू पुलिस की टीम भी चोरों को लेकर आई थी और चोरों ने शहर में चोरी के आभूषण ठिकाने लगाने की बात कही थी।इससे अब पुलिस को भी चोरी के सामान खरीदने वाले लोगों का पता लगाना चाहिए।