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जमा होने पहुंचा अनाज गुणवत्ता जांच में निकला फैल, दो ट्रक गेहूं और 100 क्विंटल मसूर रिजेक्ट

locationअशोकनगरPublished: May 22, 2019 12:25:25 pm

Submitted by:

Arvind jain

समर्थन मूल्य खरीद: बारीकी से गुणवत्ता जांचने के बाद खरीदा अनाज, लेकिन जमा होने पहुंच रहा खराब। – गेहूं में बड़ी मात्रा में मिला खराब दाना और मसूर में मिली हुई थी मिट्टी, गुणवत्ता जांच में फैल होने पर नागरिक आपूर्ति निगम ने वापस लौटाया।

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जमा होने पहुंचा अनाज गुणवत्ता जांच में निकला फैल, दो ट्रक गेहूं और 100 क्विंटल मसूर रिजेक्ट

अशोकनगर. सरकारी मूल्य खरीदी केंद्रों पर किसानों से तो अनाज बारीकी से गुणवत्ता जांच में पास होने के बाद खरीदा गया, लेकिन गोदामों पर जमा होने के लिए खराब गुणवत्ता का अनाज पहुंच रहा है। इससे खरीदी केंद्रों पर सवाल उठने लगे हैं। नागरिक आपूर्ति निगम ने ऐसा ही दो ट्रक गेहूं और 100 क्विंटल मसूर को रिजेक्ट कर दिया, जो गोदाम पर जमा होने के लिए आया था लेकिन गुणवत्ता जांच में फैल पाया गया। इससे निगम के अधिकारियों ने दो ट्रक गेहूं और इस 100 क्विंटल मसूर को जमा नहीं होने दिया और खरीदी केंद्रों को वापस लौटा दिया।


नागरिक आपूर्ति निगम के मुताबिक मंगलवार को चंदेरी क्षेत्र की प्राणपुर समिति के खरीदी केंद्र का दो ट्रक गेहूं (करीब 400 क्विंटल) जमा होने के लिए गोदाम पर पहुंचा था। जमा होने से पहले गुणवत्ता की जांच की गेहूं में बढ़ी मात्रा में खराब दाना पाया गया। इससे उस दो ट्रक गेहूं को रिजेक्ट कर दिया गया है। वहीं ईसागढ़ क्षेत्र के पिपरिया पाटखेड़ा खरीदी केंद्र की मसूर जमा होने के लिए गोदाम पर पहुंची, तो 100 क्विंटल मसूर में बड़ी मात्रा में मिट्टी मिली पाई गई। इससे पिपरिया पाटखेड़ा खरीदी केंद्र की 100 क्विंटल मसूर को भी रिजेक्ट कर दिया है।

 

वहीं ईसागढ़ क्षेत्र में ही एक खरीदी केंद्र का गोदाम में रखे गए चना की भी गुणवत्ता खराब पाए जाने का मामला सामने आया है, अधिकारियों का कहना है कि उस चना की भी गुणवत्ता जांच कराई जाएगी, यदि वह एफएक्यू क्वालिटी का नहीं पाया गया तो उसे भी रिजेक्ट कर वापस खरीदी केंद्र को लौटा दिया जाएगा।

 

निगम के जिला प्रबंधक का कहना है कि खरीदी केंद्रों और बैंक को सूचना दे दी गई है, अब यदि खरीदी केंद्रों द्वारा गेहूं के खराब दानों को हटवाकर और मसूर की मिट्टी को साफ कराने के बाद जमा कराने के लिए भेजा जाएगा और यदि गुणवत्ता जांच में पास होता है, तो ही उस अनाज को गोदाम में जमा कराया जाएगा, नहीं तो उसे फिर से रिजेक्ट कर वापस भेज दिया जाएगा।


बड़ा सवाल: केंद्रों की गलती, अटकेगा किसानों का भुगतान-
इस बार समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर बोरियों पर किसान कोड भी दर्ज किया जा रहा है। इससे जमा होते समय किसान का नाम भी दर्ज हो रहा है और जिन किसानों का अनाज गोदामों में जमा हो जाएगा, उन्हीं को भुगतान किया जा रहा है।

 

किसानों से तो गुणवत्ता जांच में पास होने के बाद ही अनाज खरीदा गया, लेकिन खरीदी केंद्रों की मनमानी या लापरवाही या फिर मिलावट करने की वजह से अनाज रिजेक्ट हो गया और जमा नहीं हो पाया। इससे खरीदी केंद्रों की गलती का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा। क्योंकि जब तक उनका अनाज जमा नहीं होगा, तब तक बेचे गए अनाज की राशि किसानों को नहीं मिलेगी।


भुगतान: 6.79 करोड़ की खरीद, लेकिन राशि मिली 90 लाख-
समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर अब तक किसानों से छह करोड़ 79 लाख 93 हजार 462 रुपए के चना, मसूर और सरसों की खरीद हो चुकी है। लेकिन अब तक एक भी किसान को अपने बेचे गए अनाज का भुगतान नहीं हुआ है। इससे किसान अनाज बेचने के बाद भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं।

 

विभाग का कहना है कि उन्हें अभी पहली किस्त 90 लाख रुपए की मिली है और इससे किसानों को भुगतान किया जाएगा। हालांकि नागरिक आपूर्ति निगम का कहना है कि जो अनाज जमा हो चुका है, उन्हीं किसानों को भुगतान किया जाएगा। शेष का जब तक अनाज जमा नहीं होगा, तब तक भुगतान नहीं होगा।

 

जिले के खरीदी केंद्रों पर एक नजर-
– 502 किसानों से 5 करोड़ 22 लाख 36 हजार 150 रुपए कीमत का 11256 क्विंटल चना खरीदा गया।
– 88 किसानों से 62 लाख 94 हजार 87 रुपए कीमत की 1406 क्विंटल मसूर अब तक खरीदी जा चुकी।
– 116 किसानों से 94 लाख 63 हजार 225 रुपए की 2253 क्विंटल सरसों जिले में खरीदी जा सकी है।


प्राणपुर खरीद केंद्र का दो ट्रक गेहूं और पिपरिया पाटखेड़ा केंद्र की 100 क्विंटल मसूर खराब गुणवत्ता की पाए जाने से रिजेक्ट कर दी है। यह अनाज जमा होने गोदाम पर आया था जिसे वापस खरीदी केंद्रों को लौटा दिया है। वहीं ईसागढ़ में कुछ चना की गुणवत्ता खराब होने की शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जा रही है।
आरएस सोलंकी, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम अशोकनगर

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