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संस्कारों को भूलते जा रहे है बच्चे

locationअशोकनगरPublished: Sep 18, 2018 05:42:51 pm

Submitted by:

Amit Mishra

देश का पतन जिम्मेदार कौन नाटिका में किया व्यंग्य

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संस्कारों को भूलते जा रहे है बच्चे

अशोक नगर। पर्यूषण पर्व के अवसर पर सुभाषगंज जैन मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। आयोजित नाटिका में आचार्य श्री विद्यासागर पाठशाला गांव मंदिर के बच्चों द्वारा देश का पतन जिम्मेदार कौन पर अद्भुत प्रस्तुति दी गई। बच्चों द्वारा अलग अलग बताया गया कि देश के पतन के लिये आज की शिक्षा पद्धति के साथ ही पहनावा और मोबाइल भी जिम्मेदार है।

गुरू से मिलाते है हाथ
बच्चों ने आज की शिक्षा पद्धति पर व्यंग्य करते हुए बताया कि आज हम इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ते है और मातृ भाषा का भूलते जा रहे है। संस्कारों को भूलते जा रहे है। माता पिता के चरण नहीं छूते गुरू से हाथ मिलाते है। इंग्लिश आती नहीं, हिंदी को जानते नहीं। बच्चों ने हिंदी को मजाक बना दिया है।

आचार्य श्री कहते है कि किसी भी देश का विकास उसकी राष्ट्र भाषा से है। युवा पीढ़ी हिंदी नहीं सीखेगी तो व्यापार नहीं कर पाएगी। हम पश्चिमी सभ्याता की आड़ में व्यापार भूलते जा रहे है हमें इंडिया नहीं भारत बोलो का सपना साकार करना होगा।
इसके साथ ही पहनावे के बारे बताते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने विदेशी होकर भी हमारी साड़ी पहनकर भारतीय संस्कृति को अपनाया है। हमारी पौशाक जो विश्व में सर्वोपरी है हम भूल गए है, हम विदेशी सभ्यता को अपनाकर वस्त्र पहन रहे है। जो हमारे पतन का कारण बनते है।
कोई घटना होने पर फोटो खींचने में लग जाते है
बच्चों ने मोबाइल को भी पतन का एक बड़ा कारण बताया कि मोबाइल के कारण शिक्षा पद्धति पिछड़ रही है। बच्चे रात भर मोबाइल चलाते है कोई घटना होने पर उसे बचाने की अपेक्षा उसकी वीडियो बनाने और फोटो खींचने में लग जाते है। युवा पीढी में यह बदलाब क्यों आया यह सभी हमारे देश के पतन का कारण बन रहे है।

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