बताते हैं कि पेट्रोल पंपों पर ईंधन से भरा वाहन एक दिन पहले से खड़ा था। स्टाक रजिस्टर से मौजूद मात्रा का मिलान नहीं होने पर स्टाक रजिस्टर को भी जब्ती में लिया गया है।
धर्मेन्द्र केवट ने कदवाया स्थित किसान सेवा केन्द्र से सोमवार को दो हजार रूपए का डीजल लिया था। धर्मेन्द्र ने बताया कि डीजल की मात्रा कम दिखने पर जब उसने पेट्रोल पंपों के कर्मचारी से शिकायत की तो वह झगड़ा करने पर उतारू हो गया। इस संबंध में दोनों ही पक्षों ने शिकायती आवेदन थाने में दिया था।
मामले की जानकारी खाद्य विभाग को लगी तो खाद्य निरीक्षक मनोरमा कौशिक और प्राची शर्मा बुधवार की दोपहर कदवाया पहुंची और पेट्रोल पंपों की जांच की। इस दौरान पेट्रोल पंपों पर डीजल-पेट्रोल के मौजूद स्टॉक का रजिस्टर से मिलान नहीं हुआ। साथ ही पेट्रोल पंपों पर टेंकर क्रमांक एमपी 09 केडी 2086 में भी डीजल भरा हुआ था। इसका भी दस्तावेजों में उल्लेख नहीं था।
खाद्य निरीक्षक प्राची शर्मा ने बताया कि स्टाक रजिस्टर से मिलान नहीं होने के कारण टेंकर सहित उसमें भरे डीजल जिसकी कीमत लगभग 20 लाख रूपए है, इसके अलावा 8 लाख 71 हजार रूपए से ज्यादा कीमत का पेट्रोल जब्त किया गया है। साथ ही डीजल पेट्रोल की जांच के लिए सेंपल भी लिए गए हैं।
शिकायत मिलने पर कदवाया गांव स्थित किसान सेवा केन्द्र की जांच की गई। जहां पेट्रोल पंपों पर मौजूद डीजल-पेटोल का स्टाक, स्टाक रजिस्टर से मेल नहीं खा रहा था। साथ ही पेट्रोल पंपों पर डीजल से भरा टेंकर भी रखा था। इसका भी स्टाक रजिस्टर में कोई उल्लेख नहीं मिला। इन्ही अनियमितताओं पर टेंकर सहित 28 लाख 71 हजार रूपए से ज्यादा का डीजल-पेट्रोल जब्ती की कार्रवाई की गई है।
प्राची शर्मा खाद्य निरीक्षक आपूर्ति विभाग अशोकनगर