जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं से नाखुश सीईओ: अस्पताल निरीक्षण में ड्यूटी से 30 प्रतिशत डॉक्टर रहे नदारद
अनूपपुरPublished: Sep 19, 2018 07:16:56 pm
जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं से नाखुश सीईओ: अस्पताल निरीक्षण में ड्यूटी से 30 प्रतिशत डॉक्टर रहे नदारद
जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं से नाखुश सीईओ: अस्पताल निरीक्षण में ड्यूटी से 30 प्रतिशत डॉक्टर रहे नदारद
कलेक्टर को सौंपेगी जांच प्रतिवेदन, कमेटी गठित कर जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने होगी पहल
अनूपपुर। जिला अस्पताल की लगातार बिगड़ती अव्यवस्थाओं की शिकायत पर मंगलवार की दोपहर १२ बजे निरीक्षण करने पहुंची जिला पंचायत सीईओ डॉ. सलोनी सिडाना नाखुश नजर आई। सफाई के साथ साथ मरीजों के दी जा रही सुविधाओं में संसाधनों का अभाव सहित व्यवस्थाओं को बनाने में भी लापरवाही पाई। निरीक्षण के लिए पहुंचते ही सबसे पहले जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों की उपस्थिति पंजियक की जांच की। जिसमें मंगलवार की सुबह ड्यूटी के समय तैनात डॉक्टरों की उपस्थिति सूची में ३० प्रतिशत डॉक्टर को नदारद पाई। जिपं सीईओ ने डॉक्टरों की उपस्थिति पंजियन से डॉक्टरों की पूरी सूची तैयार कर डॉक्टरों के कक्ष का बारी बारी से निरीक्षण किया तथा उनकी उपस्थिति और अनपुस्थिति के सम्बंध में कर्मचारियों से पूछताछ की। इस दौरान पूछताछ में यह बात सामने आई कि कुछ डॉक्टर सुबह उपस्थित हुए, लेकिन चंद समय बाद चले गए। जबकि कुछ निर्धारित समय १ बजे से पूर्व ही अस्पताल परिसर छोड़ दिया। जिसके कारण अस्पताल में कुछ डॉक्टर कक्ष के बाहर मरीजों को डॉक्टर के इंतजार में बैठे पाया गया, कक्ष के भीतर डॉक्टर की कुर्सी खाली पाई गई। जबकि मानसूनी सीजन के पिकआवर के शुरूआती रूझानों में कुछ मरीजों का उपचार मुख्य बरामदें पर ही गद्दे पर लेटा कराते पाया। यहीं नहीं जिपं सीईओ ने खुद मरीज बनकर स्टाफ नर्स से ब्लड प्रेशर और प्लस की जांच कराई। जिसमें प्रशिक्षु स्टाफ नर्स द्वारा जांच में बरती गई अपरिपक्वता पर चिंता जताई। जिपं सीईओ से इसे सामान्य निरीक्षण प्रक्रिया बताते हुए निरीक्षण के बाद व्यवस्थाओं को सुधार करने की बात कही। इस दौरान सामान्य वार्ड सहित डॉक्टरों के कक्ष और प्रसव कक्ष का निरीक्षण कर वहां की अव्यवस्थाओं को चिह्नित कर रिपोर्ट तैयार की। जबकि प्रसव वार्ड से रेफरल केस सहित चाईल्ड डेथ केस सीट की जानकारी के लिए रजिस्टर अपने साथ ले गई। जिपं सीईओ डॉ. सलोनी सिडाना का कहना है कि जिला अस्पताल के नाम के अनुसार व्यवस्थाएं नहीं है। संसाधनों का अभाव है। स्टाफ की कमी है। मरीजों के अनुसार जगह भी कम पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा आज की जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी। जिसपर एक कमेटी गठित कर जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं की नियमित मॉनीटरिंग के साथ व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा। जिपं सीईओ के अनुसार जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर रखने अभी बहुत कार्य कराने की आवश्यकता है।
बॉक्स: खुद बनी मरीज, कराया प्लस जांच
जांच के दौरान ईसीजी, ब्लडप्रेशर जांच कक्ष में डॉक्टर की अनुपस्थिति पर स्टाफ नर्स ने मरीजों की जांच सही करने की बात कही। जिसपर तत्काल ही जिपं सीईओ ने मरीज बनते हुए ब्लड प्रेशर जांच व प्लस जांच की बात कही। स्टाफ नर्स ने तो बीपी जांच किसी तरह से कर दिया। लेकिन प्लस जांच में कलाई की मुख्य नस की पकड़ में स्टाफो ने लापरवाही बरत दी। जिसपर सीईओ ने स्टाफों से पूछताछ करते हुए जांच करने को कहा। लेकिन बावजूद स्टाफ नर्स बिना धड़ी नब्ज पकड़ बैठ गई।
बॉक्स: कलेक्टर के साथ होगी व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग
जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर अब कलेक्टर भी निरीक्षण के लिए अस्पताल का रूख करेगी। वहीं अस्पताल में उपस्थिति पंजियन के साथ थम्ब इम्प्रेशन, सीसीटीवी कैमरा, सफाई, मरीजों की सुविधाएं, दवाईयां, बिस्तरों की व्यवस्था सहित अन्य महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं पर विशेष निगरानी बरती जाएगी।
वर्सन:
आज के निरीक्षण में लगभग ३० फीसदी डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए हैं। यह व्यवस्था के लिए बेहतर संकेत नहीं है। कुछ हद तक व्यवस्थाएं ठीक है, लेकिन अव्यवस्थाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
डॉ. सलोनी सिडाना, सीईओ जिपं अनूपपुर।