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अनूपपुर

यहां गोदाम में सड़े चावल के बारे में नागरिक आपूर्ति निगम ने जांच टीम को नहीं दी जानकारी, टीम ने प्रतिवेदन थमाया

नान को बताया- तत्कालीन अधिकारी-कर्मचारी व वेयरहाउस सहित मिलर दोषी, सभी से होगी राशि वसूली

अनूपपुरAug 09, 2022 / 02:35 pm

Rajan Kumar Gupta

The Civil Supplies Corporation did not inform the investigation team a

यहां गोदाम में सड़े चावल के बारे में नागरिक आपूर्ति निगम ने जांच टीम को नहीं दी जानकारी, टीम ने प्रतिवेदन थमाया

अनूपपुर। बिजुरी के शुभ वेयरहाउस में भंडारण में बरती गई लापरवाही और वितरण के अभाव में चार से गोदाम में बंद रहे ६०५१ क्विंटल चावल और ३४ क्विंटल गेहूं के सड़ जाने के मामले में जांच टीम की ओर से मांगी गई जानकारी का नागरिक आपूर्ति निगम ने कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया है। जांच टीम के सदस्य ने १ अगस्त को ही जिला नागरिक आपूर्ति विभाग से तीन बिन्दूओं और वेयरहाउस प्रबंधक से ५ बिन्दूओं पर जानकारी मांगी थी। जिसके बाद जांच टीम की ओर से जिला नागरिक आपूर्ति निगम को प्रतिवेदन पत्राचार किया है। जिसमें जांच टीम ने सप्ताहभर की मोहलत के बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर एकपक्षीय रूप में इस सड़े हुए चावल प्रकरण में तत्कालीन विभागीय अधिकारी, कर्मचारी सहित मिलर और वेयरहाउस को दोषी ठहराते हुए सभी से नुकसान की राशि वसूलने की बात कही है। इस मामले में अब अलग से कलेक्टर की ओर से नोटिस भी जारी किया जाएगा। जिसमें खराब हुए चावल और जानकारी नहीं देने के सम्बंध में जानकारी मांगी जाएगी। वहीं जांच टीम की ओर से जारी प्रतिवेदन के बाद विभाग सहित वेयरहाउस व मिलरों के बीच हडक़म्प मच गया है। उल्लेखनीय है कि यहां तीन मिलरों से चावल का भंडारण किया गया था। जिसमें वर्ष 2018-19 का 1728.00 क्विंटल और 2019-20 का 4297.00 क्विंटल चावल सहित कुल ६०२५ क्विंटल चावल खराब पाया गया। इसके अलावा पूर्व से यहां भंडारित ३४ क्विंटल अतिरिक्त गेहूं की मात्रा भी खराब पाई गई। हालंाकि जांच अधिकारियों ने यहां एमपीडब्ल्यूएलसी के दर्ज आंकड़ों में ६०५१ क्विंटल चावल और ३४ क्विंटल गेहूं को खराब होने का आंकड़ा मान रही है।
क्या मांगी गई थी जानकारी
कलेक्टर के निर्देश में गठित तीन सदस्यी जांच दल ने निरीक्षण में खाद्यान्न को अखाद्य पाते हुए गोदाम को सील कर दिया गया था। जिसके बाद जांच टीम ने जिला नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक को पत्र जारी करते हुए तीन बिन्दू पर जानकारी चाही, जिनमें अप्रेल २०१८ से वर्तमान तक सम्बंधित प्रदाय केन्द्र में एमपीएससीएससी की ओर से नियुक्त कर्मचारी प्रभारी अधिकारी व कर्मचारी की पदस्थापना की प्रमाणित जानकारी, गोदाम में भंडारित सीएमआर चावल के मिलर वार मात्रा सहित जानकारी और गोदाम में भंडारित खाद्यान्न के सम्बंध में जिला कार्यालय एमपीएससीएससी की ओर से किसी भी स्तर पर किए गए पत्राचार की प्रमाणित छायाप्रति सम्मिलित थी। वहीं शाखा प्रबंधक एमपी वेयरहाउस कॉर्पोरेशन से पांच बिन्दूओं पर जिनमें अप्रेल २०१८ से वर्तमान तक सम्बंधित प्रदाय केन्द्र में एमपीडब्ल्यूएलसी की ओर से नियुक्त कर्मचारी प्रभारी अधिकारी व कर्मचारी की पदस्थापना की प्रमाणित जानकारी, गोदाम संचालक से किए गए भंडारण अनुबंध पत्र की प्रमाणित छायाप्रति, गोदाम में भंडारित खाद्यान्न के सम्बंध में एमपीडब्ल्यूएलसी की ओर से किसी भी स्तर पर किए गए पत्राचार की प्रमाणित छायाप्रति, कीटोपचार पंजी की मूल प्रति, अप्रेल २०१८ से वर्तमान तक स्टॉक स्टेटमेंट की प्रमाणित छायाप्रति शामिल है।
क्यों अब तक विभाग ने नहीं दी जानकारी
माना जाता है कि इस पूरे खेल में नागरिक आपूर्ति विभाग सबसे अधिक दोषी है। क्योंक स्कंद को जमा कराने के साथ उसके वितरण की जिम्मेदारी नान की होती है। पुराने लॉट को खाली कर नए लॉट को भरवाने की भी जिम्मेदारी नान की होती है। अगर खाद्यान्न खराब हो रहा है तो नान ही जांच कर उसके अपग्रेडेशन की व्यवस्था बनाता है। लेकिन यहां वेयरहाउस भी दोषी माना गया है, क्योंकि चार साल के दौरान उसके रख-रखाव और पत्राचार नहीं करने के कारण लगभग २ करोड़ से अधिक का स्कंद सड़ गया।
वर्सन:
नागरिक आपूर्ति विभाग से अब तक कोई जानकारी नहीं आई है। अब प्रतिवेदन पत्राचार कर इसमें एकपक्षीय रूप में तत्कालीन सभी अधिकारी, कर्मचारी, मिलर और वेयरहाउस को दोषी ठहराते हुए नुकसान हुए राशि की वसूली की जिम्मेदारी तय गई है। इसके अलावा कलेक्टर की ओर से भी नोटिस जारी किया जाएगा।
सीमा सिन्हा, कनिष्ठ आपूर्ति व जांच अधिकारी जिला खाद्य आपूर्ति विभाग अनूपपुर।
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