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वर्षा पूर्व दुरुस्त नहीं की विद्युत वितरण व्यवस्था, शाम होते ही कॉलोनियों में छा जाता है अंधेरा

locationअनूपपुरPublished: Jul 17, 2019 01:27:07 pm

Submitted by:

amaresh singh

नहीं बदली जा रही पोल में लगी एलईडी

Power Distribution System Not Modified Before Rain

वर्षा पूर्व दुरुस्त नहीं की विद्युत वितरण व्यवस्था, शाम होते ही कॉलोनियों में छा जाता है अंधेरा

अनूपपुर/बिजुरी। वर्षा पूर्व विद्युत वितरण व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी विभागीय अमले द्वारा निर्देशों को दर किनार कर अपनी मनमर्जी चलाई गई। जिसका खामियाजा अब नगर वासियों व ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। नगरीय क्षेत्रो में जहां आए दिन स्ट्रीट लाईटे बंद रहती है वहीं ग्रामीण अंचलो में हल्की बारिश में बिजली कटौती का सिलसिला शुरु हो जाता है। विद्युत मण्डल द्वारा वर्षा पूर्व कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं की गई है।


सड़कों में पसरा रहता है अंधेरा

जिला मुख्यालय के साथ ही कोतमा, बिजुरी, अमरकंटक समेत कस्बाई क्षेत्रो में जहां सड़को में अंधेरा पसरा रहता है वहीं ग्रामीण अंचलो में स्थिति और भी खराब है। एसईसीएल के हसदेव क्षेत्र की कपिलधारा कालोनी में निर्मित है। जहां शाम होते ही पूरी कालोनी अंधेरे में डूब जाती है। रात्रि के समय कालरी से ड्यूटी कर आने वाले कर्मचारियों को इस दौरान सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा रहता है। घुप्प अंधेरे में जहां किसी हादसे की चिंता सताती रहती है। कालरी कर्मचारियों द्वारा इस संबंध में कई बार सबस्टेशन में शिकायत की गई। कपिलधारा कालोनी में नीचे साईड पटेल मुहल्ला में वर्षों से स्ट्रीट लाईट बंद पडी है। बताया जा रहा है कि स्ट्रीट लाईन बंद होने की वजह से शाह होते ही यहां कालोनियों में अंधेरा छा जाता है। कोलानी में शाम के वक्त जो प्रकाश व्यवस्था की गई है वह घटिया गुणवत्ता के कारण आम जनता के लिए मुसीबत बन गई हैं।
धरातल पर हाई-फाई प्रोजेक्ट धरासायी हो गया है

बिजली पोल में एल ई डी लाईट लगाने के लिए पिलधारा में पर्याप्त एलईडी होने के बाद भी बिजली बिभाग के कर्मचारियों के द्वारा नहीं लगाई जा रही है और कागजों में किसी ना किसी आदमी के नाम फर्जी ईंट्री रजिस्टर में लिख लिया जाता है। कंपनी के पास इस तरह की तकनीक है कि उसे किसी भी बिजली पोल की लाईट बन्द होते ही अपने आप जानकारी मिल जाएगी। यह भी कहा गया था कि किसी भी पोल की लाईट खराब होने पर उसे 24 घंटे में बदल दिया जाएगा। लेकिन धरातल पर हाई फाई प्रोजेक्ट धरासायी हो गई है। अधिकांश बिजली पोल की लाईट खराब होने के बाद बदलने का काम नहीं किया गया। रोशनी न होने के कारण जनता मुसीबत झेलने के लिए मजबूर हो चुकी है।

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