सूनी हो जाती हैं सड़कें
नगर की सड़को में सुबह 11 बजे के बाद ही वाहनों की आपा-धापी कम होने लगी है और दोपहर होते-होते सड़को में सन्नाटा पसर जाता हैै। जिसकी प्रमुख वजह सूरज की तेज तपन व गर्म हवाओं को माना जा रहा है। जिस तरह से सूरज की किरणे शरीर को झुलसा रही है उसे देखते हुए लोग घरो से निकलना लाजमी नहीं समझ रहे हैं। शाम के पहले कोई भी अपने घरो से निकलना नहीं चाहता है। सूरज ढ़लने के बाद ही लोग अपने घरो से निकलते हैं और बाजार में कुछ चहल-पहल नजर आती है।
खेलो पत्रिका flash bag NaMo9 contest और जीतें आकर्षक इनाम http://flashbag.patrika.com
बचाव के सारे इंतजामात फेल
गर्मी से बचाव के सारे इंतजामात फेल हो रहे हैं। गर्मी से बचाव के लिए लोग जहां पंखा, एसी व कूलर का सहारा ले रहे हैं वहीं नगर की सड़को में निकलने वाले लोग मुह में कपड़ा बांधकर और छाता लेकर निकल रहे हैं। इसके बाद भी उन्हे राहत महसूस नहीं हो रही हैै। तेज गर्म हवाओं के झोंको व सूरज की तपन के सामने सब फीके साबित हो रहे हैं। मौसम में सूरज की तपन का अहसास देर रात तक होता है।
वर्तमान में प्रचण्ड गर्मी (लू) से बचने के लिये आवयश्क सावधानियां बरतने की सलहा विशेषज्ञों द्वारा दी गई है। जिसमें कहा गया है कि निर्जलीकरण से बचने के लिये बार-बार पानी पिएं, भ्रमण के दौरान पानी साथ रखें, हल्का व ताजा भोजन करें, अधिक पानी की मात्रा वाले फलों जैसे-तरबूज, खीरा, अनानाष, ककड़ी आदि का सेवन करें, नीबू पानी, लस्सी, छाछ, नारियल पानी, आम का पना आदि का उपयोग करें, छायादार स्थान पर रहे, खिड़कियों पर पर्दे आदि लगाये जाये, हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहने, सिर में सूती गमछा आदि का उपयोग करें। तथा जहां तक संभव हो दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कड़ी धूप में बाहर न निकले, अधिक तापमान में बहुत अधिक शारीरिक श्रम न करें, शराब, चाय, काफी, सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन न करें एवं बच्चों को पार्किंग में बंद वाहन में अकेला न छोड़े। तेज सिर दर्द, बुखार, उल्टी, अत्यधिक पसीना, बेहोषी आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर में ऐंठन, असामान्य नब्ज लू के लक्षण है। यदि किसी को लू लग जाती है तो उसे छायादार स्थान पर ले जाये, ठंडे पानी की पट्टिया रखें, उसे नमकीन पेय पदार्थ (कच्चे आम का पना) आदि पिलायें और प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाकर चिकित्सकीय परामर्ष एवं उपचार लें। आकस्मिक उपचार हेतु 108 को बुलायें। लू से 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे, नवजात, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति एवं गर्भवती महिलायें तथा धूप में काम करने वाले व्यक्ति अधिक प्रभावित होते है।
बचाव के सारे इंतजामात फेल
गर्मी से बचाव के सारे इंतजामात फेल हो रहे हैं। गर्मी से बचाव के लिए लोग जहां पंखा, एसी व कूलर का सहारा ले रहे हैं वहीं नगर की सड़को में निकलने वाले लोग मुह में कपड़ा बांधकर और छाता लेकर निकल रहे हैं। इसके बाद भी उन्हे राहत महसूस नहीं हो रही हैै। तेज गर्म हवाओं के झोंको व सूरज की तपन के सामने सब फीके साबित हो रहे हैं। मौसम में सूरज की तपन का अहसास देर रात तक होता है।
वर्तमान में प्रचण्ड गर्मी (लू) से बचने के लिये आवयश्क सावधानियां बरतने की सलहा विशेषज्ञों द्वारा दी गई है। जिसमें कहा गया है कि निर्जलीकरण से बचने के लिये बार-बार पानी पिएं, भ्रमण के दौरान पानी साथ रखें, हल्का व ताजा भोजन करें, अधिक पानी की मात्रा वाले फलों जैसे-तरबूज, खीरा, अनानाष, ककड़ी आदि का सेवन करें, नीबू पानी, लस्सी, छाछ, नारियल पानी, आम का पना आदि का उपयोग करें, छायादार स्थान पर रहे, खिड़कियों पर पर्दे आदि लगाये जाये, हल्के रंग के ढीले-ढाले सूती कपड़े पहने, सिर में सूती गमछा आदि का उपयोग करें। तथा जहां तक संभव हो दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कड़ी धूप में बाहर न निकले, अधिक तापमान में बहुत अधिक शारीरिक श्रम न करें, शराब, चाय, काफी, सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन न करें एवं बच्चों को पार्किंग में बंद वाहन में अकेला न छोड़े। तेज सिर दर्द, बुखार, उल्टी, अत्यधिक पसीना, बेहोषी आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर में ऐंठन, असामान्य नब्ज लू के लक्षण है। यदि किसी को लू लग जाती है तो उसे छायादार स्थान पर ले जाये, ठंडे पानी की पट्टिया रखें, उसे नमकीन पेय पदार्थ (कच्चे आम का पना) आदि पिलायें और प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाकर चिकित्सकीय परामर्ष एवं उपचार लें। आकस्मिक उपचार हेतु 108 को बुलायें। लू से 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे, नवजात, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति एवं गर्भवती महिलायें तथा धूप में काम करने वाले व्यक्ति अधिक प्रभावित होते है।
ऐसा रहेगा आगामी दिनो में तापमान
सोमवार- 42 डिसे
मंगलवार- 42 डिसे
बुधवार- 43 डिसे
गुरुवार- 44 डिसे
शुक्रवार- 44 डिसे
शनिवार- 44 डिसे
रविवार- 45 डिसे