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सीएमएचओ बोले डेंगू ऐसी बीमारी है जो समय-समय पर महामारी रूप में तब्दील होता है

locationअनूपपुरPublished: May 18, 2019 12:58:58 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर बताए डेंगू से बचाव के उपाय, निकाली जागरूकता रैली

CMHO Bole Dengue is a disease that changes from time to time in epidem

सीएमएचओ बोले डेंगू ऐसी बीमारी है जो समय-समय पर महामारी रूप में तब्दील होता है

अनूपपुर। 16 मई को विश्व डेंगू दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें, इसके लक्षण व बचाव के उपाय संबंधी जानकारी दी गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. एसबी चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिले के चारों विकासखंड अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, एवं पुष्पराजगढ़, के गावों, में कार्ययोजनानुसार डीडीटी का छिड़काव करवाया जा रहा है। मलेरिया अधिकारी अरुणेन्द्र प्रताप सिंह ने प्रोजेेक्टर के माध्यम से डेंगू बुखार के कारण, उपचार तथा बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार एक आम संचारी रोग है जिसकी मुख्य विशेषताएं है तीव्र बुखार, अत्याधिक शरीर दर्द तथा सिर दर्द। यह एक ऐसी बीमारी है जो समय-समय पर इसे महामारी के रूप में देखा जाता है। वयस्को के मुकाबले, बच्चो में इस बीमारी की तीव्रता अधिक होती है। यदि रोगी को साधारण (क्लासिकल) डेंगू बुखार है तो उसका उपचार व देखभाल घर पर की जा सकती है। डेंगू बुखार की रोकथाम सरल, सस्ती तथा बेहतर हैं। घर के अन्दर सभी क्षेत्रों में सप्ताह में एक बार मच्छर-नाशक दवाई का छिडकाव अवश्य करें। यह दवाई फोटो-फ्रेम्स, पर्दो, कल्ैांडरों के पीछे तथा घर के स्टोर कक्ष व सभी कोनों में अवश्य छिडकें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीके कोरी बताया कि यह डेंगू वायरस (विषाणू ) द्वारा होता है जिसके चार विभिन्न प्रकार (टाइप) हैं। आम भाषा में इस बिमारी को ‘हड्डी तोड बुखारÓ कहा जाता है। भारत में यह रोग बरसात के मौसम में तथा उसके तुरन्त बाद के महीनों (अर्थात् जुलाई से अक्टूबर) में सबसे अधिक होता हैं। प्रभारी मलेरिया सहायक टीएन शुक्ला ने बताया कि मच्छर केवल पानी के स्त्रोतों में ही पैदा होते है जैसे कि नालियों, गड्ढों, रूम, कूलर्स, टूटी बोतलों, पुराने टायर्स व डिब्बों तथा ऐसी ही अन्य वस्तुओं में जहां पानी ठहरता हो। प्रति 100 लीटर पानी के लिए 30 मिली पेट्रोल या मिट्टी तेल का प्रयोग कर सम्बंधित मच्छरों का पनपना रोका जा सकता है। विश्व डेंगू दिवस के अवसर पर जागरुकता रैली का भी आयोजन किया गया। जिसमें नारें के माध्यम से डेंगू से बचाव के बारे में जानकारी दी गई।
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