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30 बिस्तर वाली वेंकटनगर सीएचसी में नहीं है एक भी डॉक्टर, जिदंगी और मौत के बीच जूझने को विवश मरीज

locationअनूपपुरPublished: Sep 15, 2019 04:15:37 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

फार्मासिस्ट और एक स्टाफ नर्स के भरोसे 20 गांव के मरीज, भगवान भरोसे कटती मरीजों की रात

30-bed Venkatnagar CHC does not have a single doctor, patient forced t

30 बिस्तर वाली वेंकटनगर सीएचसी में नहीं है एक भी डॉक्टर, जिदंगी और मौत के बीच जूझने को विवश मरीज

अनूपपुर। अनूपपुर जिला मुख्यालय से ४० किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ सीमा से सटे वेंकटनगर में करोड़ों से बनी ३० बिस्तरों वाली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अब मरीजों के लिए अभिश्राप बन गई है। वर्ष २०१६ से वेंकटनगर सहित आसपास के २० गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने स्थापित सीएचसी में पिछले एक साल से कोई भी चिकित्सक पदस्थ नहीं है। तीन सालों के दरमियान कुछ माह के लिए चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं अवश्य दी, लेकिन पीजी प्रतियोगिताओं के उपरांत आजतक वापसी नहीं की। जिसके कारण यहां सामान्य बीमारियों से लेकर गम्भीर रूप घायल होने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का कोई लाभ नहीं प्रदाय किया जाता। सबसे बड़ी समस्या यहां के प्रसव पीडि़त माताओं की है, जहां आकस्मिक रूप में भर्ती होने पर उसे गम्भीर हालत में ही उपचार के लिए जिला अस्पताल या २० किलोमीटर दूर जैतहरी सीएचसी रेफर कर दिया जाता है। रात के समय सामुदायिक स्वास्थ्य वेंकटनगर में एक भी स्टाफ की उपस्थिति नहीं होती। जिसके कारण यहां भर्ती मरीज भगवान के भरोसे अगली दिन का सुबह होने का इंतजार करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वेंकटनगर अस्पताल में इन दिनों एक भी डॉक्टर पदस्थ नहीं है। और जिनकी ड्यूटी भी यहां लगाई भी जाती है वो कागजों तक ही सीमित रह जाती है। चिकित्सकों व स्टाफों के सम्बंध में जनप्रतिनिधियों सहित स्वास्थ्य प्रबंधन से शिकायत भी कर स्वीकृत पदों के अनुसार पदस्थापना की मांग की। लेकिन इस ओर अब तक न तो जिला प्रशासन और ना ही जनप्रतिनिधियों ने कोई सुधी ली। जिसके कारण स्वास्थ्य केन्द्र की अव्यवस्थाओं में ग्रामीण इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र वेंकटनगर का संचालन 23 जनवरी 2016 से आरम्भ हुआ था। जहां 30 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में 4 डॉक्टर जिनमें 3 विशेषज्ञों सहित 8 स्टॉफ नर्स, अन्य स्टॉफ के पद स्वीकृत किए गए थे। लेकिन वर्तमान में वेंकटनगर अस्पताल में 0 डॉक्टर 1 स्टॉफ नर्स, 1 नेत्र सहायक, 2 फर्र्मासिस्टए, 0 ड्रेसर, 1 ओटी अंटेंडर, 1 वार्ड वॉय कार्यरत है। लेकिन इतने सहायक स्टाफ के बावजूद एक भी डॉक्टर की पदस्थापना नहीं है। 1 स्टॉफ नर्स की उपस्थिति दिन में किसी तरह बनी रहती है, लेकिन अगर कोई रात में मरीज आ जाए तो प्राथमिक उपचार भी मिलना संभव नहीं।
बॉक्स: २० गांवों के ग्रामीण भगवान भरोसे
वेंकटनगर सहित आसापस के लगभग 20 ग्रामों के ग्रामीणों का इलाज भगवान भरोसे बना हुआ है। मरीज यहां इलाज की आस लिए आते हैं, लेकिन खुद बीमार सीएचसी को देखकर जैतहरी, अनूपपुर या छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य केन्द्रों का रूख कर जाते हैं। जिसमें इस भाग दौड़ में अनेक मरीज उपचार से पूर्व ही आकस्मिक मौत के शिकार बन जाते हैं। यहां ग्राम पंचायत वेंकटनगर सहित आसपास के ग्राम सिंघौरा, कदमसारा, पोंडी, लहसुना, कपरिया, खोड्री, सुलखारी, मुंडा, भेलमा, लपटा, बीड सहित अन्य ग्रामों मरीज उपचार के लिए आते हैं। इसमें ज्यादातर प्रसव पीडि़त माताएं केन्द्र की अक्रियाशीलता के कारण खतरों के बीच सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैतहरी या फिर जिला चिकित्सालय जाती है।लेकिन जैतहरी व अनूपपुर की दूरी तय करने में माताओं का प्रसव सुरक्षित नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण किसी न किसी कारण नवजातों की मौत जन्म के बाद या फिर पेट में ही हो रही है।
बॉक्स: मौत से जूझती महिला को परिजनों ने जिला अस्पताल में कराया भर्ती
सीएचसी वेंकटनगर में १३ सितम्बर की रात ९.३० गंभीर हालत में महिला को भर्ती कराया गया, जहां मरीज को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाने से परिजनों ने नाराजगी जताई। अस्पताल में एक भी स्टाफ नहीं होने तथा महिला की हालत बिगड़ता देखकर महिला को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
वर्सन:
मैं तत्काल जानकारी लेकर वहां कम से एक डॉक्टर की पदस्थापना की व्यवस्था बनाता हूं। बोर्डर क्षेत्र है मरीजों की परेशानी होगी। डॉक्टरों की कमी है, लेकिन जहां एक से अधिक हैं, वहां से भेजने की व्यवस्था बनाता हूं।
बीडी सोनवानी, सीएमएचओ अनूपपुर।
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