सवारी नहीं मिली
शुक्रवार को भी वाघा बॉर्डर के रास्ते अमृतसर लौटी तब भी बस पूरी तरह खाली थी। कड़ी सुरक्षा के बीच बस अटारी सड़क सीमा पर पहुंची। बस में कोई भी सवारी न होने के कारण बस चालक श्री ननकाना साहिब में पाकिस्तान बस के यात्रियों का इंतजार करता रहा। जब पाकिस्तान से भी कोई यात्री वाघा सीमा पर नहीं पहुंचा, तो ड्राइवर निर्धारित समय पर बस लेकर अमृतसर के लिए रवाना हो गया। बस में यात्रियों के नहीं होने का कारण कश्मीर को लेकर भारत-पाक के बीच आए तनाव को माना जा रहा है।
शुक्रवार को भी वाघा बॉर्डर के रास्ते अमृतसर लौटी तब भी बस पूरी तरह खाली थी। कड़ी सुरक्षा के बीच बस अटारी सड़क सीमा पर पहुंची। बस में कोई भी सवारी न होने के कारण बस चालक श्री ननकाना साहिब में पाकिस्तान बस के यात्रियों का इंतजार करता रहा। जब पाकिस्तान से भी कोई यात्री वाघा सीमा पर नहीं पहुंचा, तो ड्राइवर निर्धारित समय पर बस लेकर अमृतसर के लिए रवाना हो गया। बस में यात्रियों के नहीं होने का कारण कश्मीर को लेकर भारत-पाक के बीच आए तनाव को माना जा रहा है।
कश्मीर मुद्दे का असर
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा मार्च 2006 को दोनों देशों के बीच बस सेवा शुरू की थी। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुसार पंज-आब एक्सप्रेस बस हर मंगलवार और शुक्रवार को श्री ननकाना साहिब जाती और वापस अमृतसर लौटती है। यह बस भारत के यात्रियों को अटारी सड़क सीमा तक ले जाती है। वहां से यात्री पैदल पाकिस्तान की वाघा सीमा पर जाते हैं और वहां खड़ी पाकिस्तान की बस इन यात्रियों को श्री ननकाना साहिब पहुंचाती है। पहले यह बस सीधे श्री ननकाना साहिब तक जाती थी। वाघा सीमा से इस बस की सुरक्षा पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसी करती थी। पांच साल पहले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा इस बस को उड़ा देने की धमकी के बाद पाकिस्तान ने इस बस को सुरक्षा देने से इंकार कर दिया था।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा मार्च 2006 को दोनों देशों के बीच बस सेवा शुरू की थी। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुसार पंज-आब एक्सप्रेस बस हर मंगलवार और शुक्रवार को श्री ननकाना साहिब जाती और वापस अमृतसर लौटती है। यह बस भारत के यात्रियों को अटारी सड़क सीमा तक ले जाती है। वहां से यात्री पैदल पाकिस्तान की वाघा सीमा पर जाते हैं और वहां खड़ी पाकिस्तान की बस इन यात्रियों को श्री ननकाना साहिब पहुंचाती है। पहले यह बस सीधे श्री ननकाना साहिब तक जाती थी। वाघा सीमा से इस बस की सुरक्षा पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसी करती थी। पांच साल पहले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा इस बस को उड़ा देने की धमकी के बाद पाकिस्तान ने इस बस को सुरक्षा देने से इंकार कर दिया था।