काका रणदीप सिंह ने कहा कि वे अमलोह से विधायक चुने गए हैं और यह सीट फतेहगढ साहिब लोकसभा क्षेत्र में आती है। उन्होंने पहले ही कांग्रेस नेतृत्व को बताया था कि वे पटियाला लोकसभा क्षेत्र में सिर्फ तभी प्रवेश करेंगे, जब उन्हें टिकट दिया जाएगा। काका रणदीप सिंह का पटियाला के नाभा विधानसभा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव माना जाता है। नाभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार के बारे में उनका कहना है कि वहां से पार्टी के विधायक साधु सिंह धर्मसोत हैं। वे प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं तो वे ही नाभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे। काका रणदीप सिंह पहले से ही मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह से असंतुष्ट हैं। पिछले साल मालवा क्षेत्र के विधायकों से मुख्यमंत्री की मुलाकात के दौरान काका ने मुख्यमंत्री को कहा था कि आप अच्छे प्रशासक हो सकते हैं लेकिन आप से मुलाकात आसान नहीं होती। काका रणदीप वर्ष 2012 से 2017 तक नाभा से विधायक रहे हैं। अभी वे चौथी मर्तबा विधायक हैं।
उधर अमृतसर लोकसभा क्षेत्र के कुछ कांग्रेस विधायक गुरजीत सिंह औजला को अपने मुकाबले राजनीति में कम अनुभवी बताते हुए उन्हें फिर टिकट देने का विरोध कर रहे हैं। औजला को राजनीति की सीढियां चढ़ने में कम समय लगा। वर्ष 2007 में वे पार्षद चुने गए थे। राजनीति में उनका सुनहरा वक्त तब आया, जबकि वर्ष 2017 में उन्होंने अमृतसर लोकसभा सीट का उपचुनाव लडना स्वीकार कर लिया। तब वरिष्ठ कांग्रेस विधायकों ओपी सोनी, राजकुमार वेरका और सुखबिंदर सरकारिया ने उपचुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। अमृतसर जिला कांग्रेस अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने औजला को टिकट देने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एक-दो विधायक उन्हें टिकट देने के विरोध में हो सकते हैं लेकिन आला कमान का निर्देश मिलने के बाद सभी विधायक उनकी जीत के लिए काम करेंगे।