सेल्समेन ( Salseman ) की सक्रियता से टला हादसा
सेल्समेन ने बगैर क्षण गवाए सीधे में जाकर हल्ला मचा दिया कि नहर में दरार आ गई है। हो-हल्ला सुनकर ग्रामीण एकत्रित हो गए। ग्रामीण मौके पर गए तो दरार मिली। इसकी सूचना प्रशासन को दी, किन्तु प्रशासनिक अमले के मरम्मत के आने के इंतजार में समय गंवाने के बजाए ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही युद्धस्तर पर नहर की मरम्मत का काम शुरू कर दिया। गांव के युवकों ने जैसे भी बन पड़ा साईकिलों, मोटरसाईकिलों और सिर पर मिट्टी के कट्टे उठा-उठाकर नहर के रिसाव में डालना शुरू किया।
२० फीट तक बढ़ गई थी दरार
सबसे पहले करीब पांच फीट की दरार भरी गई, जो आगे बढ़ती जा रही थी। इसके बाद करीब 20 फीट दरार को भरना शुरू किया गया। बड़ी संख्या में कट्टे डालने से नहर का रिसाव बंद हो गया। ग्रामीणों द्वारा नहर की मरम्मत पूरी करने के बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। इस पर ग्रामीणों का रोष फूट पड़ा। ग्रामीणों ने नहर मरम्मत के मामले में लापरवाही बरतने पर अमले के कार्मिकों को खूब खरी-खोटी सुनाई। मौके पर पहुंचे नहरी विभाग के एसडीओ गुरशरण सिंह विर्क ने कहा कि जैसे ही सूचना मिली तो ठेकेदार को संपर्क करके बुलाया गया।
विभाग की लापरवाही से रिसाव
एसडीओ ने कहा कि इसका स्थायी हल तो केंद्र या पंजाब सरकार की तरफ से विशेष ग्रांट देने के बाद ही हो सकता है। गांव हरलालपुर के सरपंच बूटा सिंह ने कहा कि यह नहरी विभाग की नालायकी है। कई दशकों से नहर की सफाई तक नहीं कराई गई। गांवों की पंचायतें लंबे समय से उनसे नहर की मरम्मत की मांग कर रही हैं, लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। अगर यह दरार रात के समय पड़ी होती तो भारी नुकसान होता। उन्होंने कहा कि इस बार फिर सैकड़ों गांव परमात्मा की मेहर से ही बच गए।