(अमृतसर): एक महीने पहले पाकिस्तान के ननकाना साहब से शुरू होकर भारत के कई राज्यों में भ्रमण करने के बाद अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन गुरुवार को वाघा के रास्ते करीब 3:00 बजे श्री ननकाना साहिब के लिए रवाना हो गया। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नेतृत्व में दिल्ली से यह बुधवार रात अमृतसर पहुंचा था।
वाघा सीमा पहुंचने पर अटारी बाॅर्डर के पास मार्ग पर फूल बिछाए गए। नगर कीर्तन के लिए श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप को एक विशेष सोने की पालकी में सजाया गया। नगर कीर्तन रवाना होने से पहले श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को उठाकर पालकी साहिब में सुशोभित किया। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास की और बस में सोने की बनाई पालकी को सुशोभित किया। पालकी को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में सुशोभित किया जाना है।
पाकिस्तान में नगर कीर्तन के प्रबंधों को लेकर 90 श्रद्धालु पहले भेज दिए गए हैं। इसके अलावा जत्थे के साथ 1300 सौ के करीब श्रद्धालु पाकिस्तान नगर कीर्तन में व नानक देव जी के 550वें जयंती पर गुरुद्वारों में माथा टेकने के लिए बाघा के रास्ते पाकिस्तान गए।
बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालू करतारपुर में बन रहे दरबार साहब के दर्शनों के लिए काफी उत्सुक दिखाई दिए। करतारपुर कॉरिडोर सरकारी तौर पर 9 नवंबर को शुरू होगा वह एसजीपीसी की ओर से 10 नवंबर को शुरू होगा।