यह समागम फोकलोर रिसर्च अकादमी, हिंद-पाक दोस्ती मंच, साउथ एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन और पंजाब जागृति मंच की तरफ से करवाया गया। जिसमें अकादमी के प्रधान रमेश यादव तथा हिंद-पाक दोस्ती मंच के महासचिव सतनाम माणक, मुंबई से आए मानवाधिकार कार्यकर्ता जतिन देसाई, वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी, कमर आगा, डॉ. साइदा हमीद, राम मोहन राय, हाउसा ताई, डॉ. कुलदीपक, डॉ. चरणजीत सिंह नाभा ने संबोधित किया।
दोनों देशों में अमन-चैन के समर्थक उक्त सभी बुद्धिजीवियों ने भारत-पाक संबंध, समस्याएं और समाधान विषय पर आयोजित गोष्ठी में भारत और पाकिस्तान को नफरत भुला दोस्ती और आपसी भाईचारे पर काम करने की अपील की। 1947 में हुए देश के बंटवारे के बाद से ही हम लड़ते आ रहे हैं। नफरत का वही जहर आगे पीढिय़ों में पहुंच रहा है। वक्ताओं ने कश्मीर जैसे मसलों पर कहा कि इसे बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए।
वक्ताओं ने कहा कि भारत-पाक के अलावा दूसरे मुल्कों के बीच जारी ट्रेड साल-दर-साल बढ़ रहा है मगर हमारे यहां कम हो रहा है। इसके लिए उन्होंने दोनों ही तरफ की सियासतों को जिम्मेदार करार दिया। उनका कहना है कि जिस तरीके से पाकिस्तान में कुछ लोग धर्मनिरपेक्षता को प्रभावित कर रहे हैं उसी तरह से अब हमारे यहां हो रहा है। वक्ताओं ने कहा कि दोनों देशों की आवाम अमन चाहती है और वह खामोश है, उसे अब बोलना ही होगा।
पाकिस्तान में बनी नई सरकार और इमरान खान को लेकर उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में संबंधों में बेहतरी आएगी और दोनों तरफ की अवाम को सरकारों पर दबाव बनाना होगा। इस दौरान यह भी मांग की गई कि लोगों की आवाजाई बढ़ाने के लिए भारत की तरफ से अमृतसर में तथा पाकिस्तान की तरफ से लाहौर में वीजा सेंटर खोला जाए ताकि लोगों को दिल्ली और इस्लामाबाद का चक्कर न लगाना पड़े।