मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने शुक्रवार देर रात इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए। विभागाध्यक्षें को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक दिन 50 प्रतिशत कार्मिकों की उपस्थिति कार्यालय में सुनिश्चित हो और बाकी 50 प्रतिशत घर से काम करें। इसके लिए विभागाध्यक्ष रोस्टर तय करेंगे। विभागाध्यक्षों को सलाह दी गई है कि वे अपने यहां कार्यरत समूह ‘ख’ ‘ग’ व ‘घ’ के कर्मियों का साप्ताहिक रोस्टर इस तरह बनाएं कि कर्मी अल्टरनेट सप्ताह में कार्यालय आएं। जो कर्मचारी एक हफ्ते कार्यालय आएंगे, वे अगले सप्ताह घर में रहकर काम करेंगे और उनके स्थान पर बाकी 50 फीसद कार्मिक दफ्तर जाएंगे। लेकिन इसे सरकारी काम में बाधा न पड़े इसका ध्यान देना होगा। खासतौर पर बजट के काम में व्यवधान न पैदा हो।
आवश्यक्तानुसार बुलाया जाएगा ऑफिस पहले सप्ताह में आने वाले कर्मचारियों को चिन्हित कर कार्यालय से लेकर घर तक दूरी और कार्यालय आने में इस्तेमाल किए जाने वाले साधन का भी ध्यान रखा जाएगा। कार्यालय आने वाले कार्मिकों के लिए समय का आवंटन भी तीन पालियों में करने का निर्देश दिया गया है। रोस्टर के हिसाब से अपने घर से काम रहे कर्मचारी अपने मोबाइल व इलेक्ट्रानिक साधनों के जरिए कार्यालय के संपर्क में रहेंगे। उन्हें आवश्यकता पड़ने पर घर से बुलाया जाएगा। अधीनस्थ कार्यालयों, स्थानीय निकायों, निगमों आदि में भी इसी तरह की व्यवस्था की जाएगी। यह आदेश उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा जो ऐसी आकस्मिक सेवाओं से जुड़े हैं और जो कोविड-19 की रोकथाम में प्रत्यक्ष भूमिका अदा कर रहे हैं।
इस तरह होगा काम
सुबह 9 से शाम 5 बजे तक
सुबह 10 से शाम 6 बजे तक
सुबह 11 से शाम 7 बजे तक ये भी पढ़ें: रजिस्ट्री की नयी व्यवस्था, अब दफ़्तर में घंटों नहीं करना होगा इंतज़ार, मोबाइल से मिलेगा एप्वाइंटमेंट
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