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आज करें शत्रु विनाश की प्लानिंग, जरूर मिलेगी सफलता

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Published: March 05, 2018 09:54:31 am
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चतुर्थी रिक्ता संज्ञक शुभ तिथि रात्रि १२.४० तक, तदन्तर पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि रहेगी। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी में शत्रुमर्दन, बंधन, अग्निविषादिक असद् कार्य व शस्त्र प्रहार आदि कार्य सिद्ध होते हैं। पंचमी तिथि में समस्त शुभ, स्थिर व चंचल कार्य शुभ होते हैं। किंतु कर्ज देना हितकर नहीं रहता।

नक्षत्र: चित्रा ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि ८.१८ तक, तदन्तर स्वाति ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। चित्रा नक्षत्र में शांति, पुष्टता, कारीगरी, वास्तु, वस्त्रालंकार व जनेऊ आदि विषयक कार्य और स्वाति नक्षत्र में देवालय, मांगलिक, वास्तु आदि विषयक कार्य शुभ होते हैं। योग: वृद्धि नामक योग सायं ६.५० तक, इसके बाद ध्रुव नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं। करण: बव नामकरण दोपहर १२.५४ तक, इसके बाद बालवादि करण रहेंगे।

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श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ८.१८ तक अमृत, प्रात: ९.४५ से पूर्वाह्न ११.१२ तक शुभ तथा दोपहर बाद २.०५ से सूर्यास्त तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं १२.१५ से दोपहर १.०१ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।

शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज विवाह का अतिआवश्यकता में चित्रा नक्षत्र में (सूर्यवेध व महापात दोषयुक्त) व स्वाति में (लग्नाऽभाव) दोषयुक्त अशुद्ध मुहूर्त है।

व्रतोत्सव: आज चतुर्थी व्रत (चन्द्रोदय जयपुर में रात्रि ९.५४ पर)। चन्द्रमा: चन्द्रमा प्रात: ८.१२ तक कन्या राशि में, इसके बाद तुला राशि में है। दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज दक्षिण-पश्चिम की दिशा यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: प्रात: ७.३० से ९.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

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