1. संबोधन को सही ठहराया
पूर्व राष्ट्रपति की टीम ने कहा, 6 जनवरी को ट्रम्प का संबोधन संविधान सम्मत था, लिहाजा इस आधार पर महाभियोग का मामला नहीं बनता। जबकि राष्ट्रपति का ऐसा भाषण व्यवस्था के लिए खतरे से कम नहीं, जब वे चुनाव नतीजों संबंधी संवैधानिक प्रक्रिया पर सवाल उठाकर हिंसा भडक़ाने का प्रयास करें। जब हिंसा चल रही थी तब उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास की बजाय घंटों हिंसा होने दी। इसके लिए उन पर महाभियोग चलाया जा सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति की टीम ने कहा, 6 जनवरी को ट्रम्प का संबोधन संविधान सम्मत था, लिहाजा इस आधार पर महाभियोग का मामला नहीं बनता। जबकि राष्ट्रपति का ऐसा भाषण व्यवस्था के लिए खतरे से कम नहीं, जब वे चुनाव नतीजों संबंधी संवैधानिक प्रक्रिया पर सवाल उठाकर हिंसा भडक़ाने का प्रयास करें। जब हिंसा चल रही थी तब उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास की बजाय घंटों हिंसा होने दी। इसके लिए उन पर महाभियोग चलाया जा सकता है।
2. जब ट्वीट किया, कर दिखाने का दिन
टीम ने कहा, ट्रंप ने रिपब्लिकन सदस्यों को बस यही आग्रह किया था कि 6 जनवरी की मतगणना के नतीजों को चुनौती देनी है। जबकि उनके समर्थकों ने दोहराया कि 6 जनवरी कुछ कर दिखाने का दिन होगा। इससे जाहिर है कि ट्रम्प की टीम को ऐसे किसी गंभीर कृत्य में शामिल होने पर कोई आपत्ति नहीं थी, यदि वे गड़बड़ी को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें। वकील बोलते रहे, 6 जनवरी के भाषण ने ही हिंसा भडक़ाई हो, जरूरी नहीं। स्पष्ट है सब कुछ पहले से ही ‘तय’ था।
टीम ने कहा, ट्रंप ने रिपब्लिकन सदस्यों को बस यही आग्रह किया था कि 6 जनवरी की मतगणना के नतीजों को चुनौती देनी है। जबकि उनके समर्थकों ने दोहराया कि 6 जनवरी कुछ कर दिखाने का दिन होगा। इससे जाहिर है कि ट्रम्प की टीम को ऐसे किसी गंभीर कृत्य में शामिल होने पर कोई आपत्ति नहीं थी, यदि वे गड़बड़ी को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें। वकील बोलते रहे, 6 जनवरी के भाषण ने ही हिंसा भडक़ाई हो, जरूरी नहीं। स्पष्ट है सब कुछ पहले से ही ‘तय’ था।
3. ऐसे उकसाया कि बाद में नकारा जा सके
ट्रम्प की टीम ने दलील दी कि चूंकि ट्रम्प ने 6 जनवरी के अपने भाषण में ‘शांतिपूर्वक’ शब्द का प्रयोग किया था, इसलिए वे भीड़ को हिंसक होने के लिए नहीं उकसा सकते। यह दलील भी गलत है, क्योंकि ट्रम्प ने बड़ी चतुराई से भीड़ को अपने मंसूबे बताए कि जरूरत पडऩे पर उन्हें नकारने में दिक्कत न हो। इसका परिणाम जानने के बावजूद उन्होंने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया।
ट्रम्प की टीम ने दलील दी कि चूंकि ट्रम्प ने 6 जनवरी के अपने भाषण में ‘शांतिपूर्वक’ शब्द का प्रयोग किया था, इसलिए वे भीड़ को हिंसक होने के लिए नहीं उकसा सकते। यह दलील भी गलत है, क्योंकि ट्रम्प ने बड़ी चतुराई से भीड़ को अपने मंसूबे बताए कि जरूरत पडऩे पर उन्हें नकारने में दिक्कत न हो। इसका परिणाम जानने के बावजूद उन्होंने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया।
कैसे-कैसे ट्वीट किए
19 दिसम्बर 2020-ट्रम्प का ट्वीट : 6 जनवरी को डी.सी में बड़ा विरोध होगा। ‘‘देखना, यह
भयावह होगा।’’
27 दिसम्बर 2020: 6 जनवरी को वाशिंगटन डी.सी में मिलते हैं…भूलना नहीं’’
30 दिसम्बर 2020: ‘‘6 जनवरी: सी यू इन डी सी’’
1 जनवरी 2021: 6 जनवरी को वाशिंगटन डी.सी में सुबह 11 बजे बड़ी विरोध रैली होगी।
3 जनवरी 2021: समर्थक के जवाब में ट्रम्प का ट्वीट-मैं वहीं रहूंगा, यह ऐतिहासिक दिन होगा।
19 दिसम्बर 2020-ट्रम्प का ट्वीट : 6 जनवरी को डी.सी में बड़ा विरोध होगा। ‘‘देखना, यह
भयावह होगा।’’
27 दिसम्बर 2020: 6 जनवरी को वाशिंगटन डी.सी में मिलते हैं…भूलना नहीं’’
30 दिसम्बर 2020: ‘‘6 जनवरी: सी यू इन डी सी’’
1 जनवरी 2021: 6 जनवरी को वाशिंगटन डी.सी में सुबह 11 बजे बड़ी विरोध रैली होगी।
3 जनवरी 2021: समर्थक के जवाब में ट्रम्प का ट्वीट-मैं वहीं रहूंगा, यह ऐतिहासिक दिन होगा।