‘व्यापारी का चुनाव करो, देश बिजनेस की तरह चलेगा’

-अमरीकी लेखक ने ट्रंप की नीतियों का विश्लेषण किया

<p>‘व्यापारी का चुनाव करो, देश बिजनेस की तरह चलेगा’</p>
एक व्यापारी का चुनाव करो और देश एक व्यवसाय की तरह चलेगा। ऐसे स्लोगन दशकों तक अमरीकी राजनीति का हिस्सा रहे हैं। वेंडेल विल्की से लेकर रॉस पेरोट तक और मिट रोमनी से लेकर कार्ली फियोरिना तक। पिछले चार वर्ष तक डॉनल्ड ट्रंप के रूप में अमरीका ने इसे आजमाया भी। अमरीकी राजनीति में डॉनल्ड ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जो विशुद्ध व्यावसायिक पृष्ठभूमि से आते हैं।
ये अनंत बहस का विषय हो सकता है कि ट्रंप ने अमरीकी राजनीतिक को किस तरफ मोड़ा? डैन एलेक्जेंडर ने अपनी पुस्तक ‘व्हाइट हाउस इंक’ में इस बात का उल्लेख किया है कि एक गैर राजनीतिक व्यक्ति ने कैसे देश की राजनीतिक को प्रभावित किया। फोब्र्स के एक कर्मचारी ने अमरीका के पहले अरबपति राष्ट्रपति के व्यापार-व्यवहार का विश्लेषण किया है। इसमें बताया कि ट्रंप ने सरकार को व्यवसाय की तरह नहीं चलाया, बल्कि राष्ट्रपति पद को ही व्यवसाय का हिस्सा बना लिया। अपने लाभ के लिए उन्होंने सत्ता का दुरुपयोग किया।
ट्रंप ने लोकतांत्रिक जवाबदेही को नजरअंदाज किया
‘व्हाइट हाउस इंक’ में लेखक ने अमरीकी राजनीति में पूंजीवाद के अनैतिक प्रवेश को उजागर किया है। डॉनल्ड ट्रंप ने कैसे लोकतांत्रिक जवाबदेही को नजरअंदाज किया और बुनियादी मानकों का उल्लंघन किया गया। लेखक ने ट्रंप परिवार की वित्तीय हेराफेरी को उजागर करते हुए लिखा है कि ऐसे मामलों से देश को आर्थिक क्षति हुई है।
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