1. चीन, ताइवान और हांगकांग की नीति
पिछले चार वर्ष में अमरीका ने चीन के साथ जो बर्ताव किया, वह जरूरी था। चीन, अमरीका के लिए सबसे गंभीर वैश्विक खतरा है, जो आर्थिक और सैन्य रूप से आगे निकलने के शत्रुतापूर्ण इरादे रखता है। यह सच्चाई बताती है कि ट्रंप ने क्यों सैन्य ताकत बढ़ाई, क्यों व्यापार सीक्रेट्स चुराने वाली चीनी कंपनियों को दंडित किया और चीन को मानवाधिकार के मामले में जवाबदेह ठहराने के लिए सहयोगियों को एकजुट किया? यदि बाइडन इस नीति को पलटते हैं तो वह अमरीकी हितों को खतरे में डालेंगे। चीन खुद को ताकतवर करने के लिए अमरीकी नीतियों का फायदा उठाकर परजीवी की तरह पलता रहा। अब हमारी कंपनियों, दूरसंचार और विश्वविद्यालयों में चीनी पहुंच को और सीमित करना चाहिए। जैसा अमरीका ने सोवियत संघ को रोकने के लिए किया था। ताइवान मामले में भी बाइडन बड़ी चुनौती का सामना करेंगे। जिस तरह चीन ने हांगकांग की स्वतंत्रता को कुचल दिया, ढाई करोड़ ताइवानी लोगों की आजादी को भी नष्ट करना चाहता है। अगले चार वर्ष में समुद्र पर उसकी नजर रहेगी। यदि बाइडन इस पर नियंत्रण लगाने में विफल रहे तो एशिया और बाहर उसकी साम्यवादी आक्रामकता को रोकना मुश्किल होगा।
पिछले चार वर्ष में अमरीका ने चीन के साथ जो बर्ताव किया, वह जरूरी था। चीन, अमरीका के लिए सबसे गंभीर वैश्विक खतरा है, जो आर्थिक और सैन्य रूप से आगे निकलने के शत्रुतापूर्ण इरादे रखता है। यह सच्चाई बताती है कि ट्रंप ने क्यों सैन्य ताकत बढ़ाई, क्यों व्यापार सीक्रेट्स चुराने वाली चीनी कंपनियों को दंडित किया और चीन को मानवाधिकार के मामले में जवाबदेह ठहराने के लिए सहयोगियों को एकजुट किया? यदि बाइडन इस नीति को पलटते हैं तो वह अमरीकी हितों को खतरे में डालेंगे। चीन खुद को ताकतवर करने के लिए अमरीकी नीतियों का फायदा उठाकर परजीवी की तरह पलता रहा। अब हमारी कंपनियों, दूरसंचार और विश्वविद्यालयों में चीनी पहुंच को और सीमित करना चाहिए। जैसा अमरीका ने सोवियत संघ को रोकने के लिए किया था। ताइवान मामले में भी बाइडन बड़ी चुनौती का सामना करेंगे। जिस तरह चीन ने हांगकांग की स्वतंत्रता को कुचल दिया, ढाई करोड़ ताइवानी लोगों की आजादी को भी नष्ट करना चाहता है। अगले चार वर्ष में समुद्र पर उसकी नजर रहेगी। यदि बाइडन इस पर नियंत्रण लगाने में विफल रहे तो एशिया और बाहर उसकी साम्यवादी आक्रामकता को रोकना मुश्किल होगा।
ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में इन तरीकों से जुटाए जुटाए थे फंड के अरबों डॉलर! 2. लैटिन अमरीकी तानाशाही को रोका
ट्रंप ने वेनेजुएला और क्यूबा की तानाशाही सरकार से लोगों की रक्षा के लिए अभूतपूर्व प्रतिबंध लगाए। वेनेजुएला में राष्ट्रपति मादुरो के खिलाफ एक क्षेत्रीय गठबंधन खड़ा किया। उन्होंने पहचाना कि क्यूबा सरकार ने अमरीकी आर्थिक मदद को खुद को ताकतवर करने में खर्च कर दिया। यहां भी बदलाव वाली बाइडन की नीति इन सरकारों को और निरंकुश कर देगी।
ट्रंप ने वेनेजुएला और क्यूबा की तानाशाही सरकार से लोगों की रक्षा के लिए अभूतपूर्व प्रतिबंध लगाए। वेनेजुएला में राष्ट्रपति मादुरो के खिलाफ एक क्षेत्रीय गठबंधन खड़ा किया। उन्होंने पहचाना कि क्यूबा सरकार ने अमरीकी आर्थिक मदद को खुद को ताकतवर करने में खर्च कर दिया। यहां भी बदलाव वाली बाइडन की नीति इन सरकारों को और निरंकुश कर देगी।
अरब के लिए मोरक्को-इजराइल समझौते के मायने 3. अरब-इजराइल के बीच शांति प्रक्रिया को मजबूती दी
इजराइल और कई अरब देशों के बीच दोस्ती का नया अध्याय चार वर्ष की उपलब्धियों में एक है। ओबामा ने कहा था कि ऐसी शांति प्रक्रिया कभी नहीं होगी, लेकिन ट्रंप ने यह कर दिखाया। ट्रंप ने इस पारंपरिक सोच को खारिज किया कि फिलिस्तीन ही क्षेत्रीय शांति की कुंजी है। अमरीका ने ईरान पर मजबूती से दबाव डाला, जो अमरीकी हितों के लिए जरूरी था।
इजराइल और कई अरब देशों के बीच दोस्ती का नया अध्याय चार वर्ष की उपलब्धियों में एक है। ओबामा ने कहा था कि ऐसी शांति प्रक्रिया कभी नहीं होगी, लेकिन ट्रंप ने यह कर दिखाया। ट्रंप ने इस पारंपरिक सोच को खारिज किया कि फिलिस्तीन ही क्षेत्रीय शांति की कुंजी है। अमरीका ने ईरान पर मजबूती से दबाव डाला, जो अमरीकी हितों के लिए जरूरी था।