राष्ट्रपति मिशेल एउन ने बताया उर्वरकों और बमों में इस्तेमाल किए गए 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट को बिना सुरक्षा उपायों के बंदरगाह पर छह साल तक संग्रहित किया गया था। अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि विस्फोट के पीछे क्या कारण था। हालांकि एक सुरक्षा सूत्र और मीडिया ने कहा कि यह गोदाम में एक छेद पर वेल्डिंग किए जाने के कारण हुआ। बेरूत के मेयर जमाल इटानी ने बुधवार को नुकसान का निरीक्षण करते हुए मीडिया से कहा, यह युद्ध क्षेत्र की तरह है। मैं नि:शब्द हूं। यह बेरूत और लेबनान के लिए एक तबाही है। विस्फोट से हुए नुकसान को लेकर इस क्षेत्र के कई देशों ने लेबनान के साथ सहानुभूति जताई है। कोविड-19 महामारी और उसके कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे लेबनान के लिए ये विस्फोट एक और बड़ा झटका हैं।
भारत सहित कई देशों ने दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा कि वह लेबनान को मदद देने के लिए तैयार है। इसके अलावा तुर्की, मिस्र और फिलीस्तीन ने भी इस विस्फोट में मारे गए लोगों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवदेनाएं जताईं हैं। साथ ही लेबनान के साथ एकजुटता दिखाते हुए मदद का भरोसा दिलाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा कि वह लेबनान को मदद देने के लिए तैयार है। इसके अलावा तुर्की, मिस्र और फिलीस्तीन ने भी इस विस्फोट में मारे गए लोगों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवदेनाएं जताईं हैं। साथ ही लेबनान के साथ एकजुटता दिखाते हुए मदद का भरोसा दिलाया है।