प्लेन का रंग सफेद ही क्यों होता है

सफेद रंग की विजिबिलिटी यानी दृश्यता दूसरे रंगों की तुलना में अधिक होती है

<p>प्लेन का रंग सफेद ही क्यों होता है</p>
जयपुर.
आपने कभी सोचा है विमानों का रंग ज्यादातर सफेद ही क्यों होता है? इसके पीछे वैज्ञानिक और आर्थिक दोनों कारण होते हैं। पहली बात गर्मी से बचाव। रनवे से लेकर आसमान तक विमान ज्यादातर समय धूप में रहता है। ऐसे में सूर्य की इन्फ्रारेड किरणों सीधी पड़ती हैं। सफेद रंग सूर्य की किरणों को रिफलेक्ट कर देता है, जिससे विमान गर्म नहीं होता और अंदर का तापमान नियंत्रित रहता है। दूसरा, विमान की बॉडी पर कोई डेंट या क्रेक सफेद रंग के कारण आसानी से दिख जाती हैं। जबकि दूसरे रंगों में यह छुप जाती है।
सफेद रंग की विजिबिलिटी यानी दृश्यता दूसरे रंगों की तुलना में अधिक होती है। घने अंधेरे में यह आसानी से दिख जाता है, जिससे हादसों को टाला जा सकता है। इसके अलावा ज्यादातर समय धूप में रहने से दूसरे रंग जल्दी खराब हो जाते हैं, जबकि सफेद रंग लंबे समय तक बरकरार रहता है। इसलिए बार-बार पेंट का खर्च भी बचता है। 2011 के ह्यूमन वाइल्डलाइफ इंटरेक्शन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक सफेद रंग से पक्षी भी दूर रहते हैं। अध्ययन में सामने आया कि गहरे और हल्के नीले विमानों की अपेक्षा सफेद रंग के विमानों से बर्ड हिट की घटनाएं कम होती हैं। पक्षी सफेद विमान का आसानी से अंदाजा लगा लेते हैं और आवश्यकतानुसार अपनी दिशा बदल लेते हैं।
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