Don Julian Dolls: डरावनी गुड़ियाओं वाले आईलैंड की क्या है दास्तां

Don Julian Dolls: आपने कई फिल्मों में गुड़िया खिलौनों में बसी हुई आत्माओं को जरूर देखा होगा। लेकिन मैक्सिको की इस आईलैंड पर वास्तव में यह नजारा देखा जा सकता है।

नई दिल्ली। Don Julian Dolls: यूं तो बच्चों को गुड़िया-खिलौनों से खेलना बहुत पसंद होता है और कई बार मां-बाप भी बच्चों के रोने पर उन्हें बहलाने के लिए कोई गुड़िया या खिलौना पकड़ा देते हैं, तो बच्चा खुश हो जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक ऐसा स्थान है, जहां गुड़ियाएं देख कर लोग थरथरा उठते हैं। आइए जानते हैं कि वह क्या राज है जिस कारण इस स्थान पर गुड़ियाओं से लगता है लोगों को डर…

दरअसल यह डरावनी गुड़ियाओं वाला आईलैंड मेक्सिको में स्थित है। जहां का नजारा देखकर अच्छे-अच्छे भी भयभीत हो जाते हैं। क्योंकि यहां पेड़ों पर मन बहलाने वाली सुंदर गुड़ियाएं नहीं, बल्कि हर पेड़ पर लटकी अजीबोगरीब गुड़ियाएं खौफनाक लगती हैं।

यहां जो भी आता है उसे अपने चारों तरफ केवल भूतिया गुड़ियाएं ही नजर आती हैं। क्योंकि मैक्सिको की इस आईलैंड पर पेड़ों के साथ-साथ धरती और पानी में भी यह डरावनी गुड़ियाएं हर जगह हैं। इन्हें देख कर ऐसा लगता है जैसे यह हमें ही घूर रही हैं। यहां के लोगों का कहना है कि, इस डरावनी जगह पर अजीबोगरीब गुड़ियाएं ही नजर आती हैं, बल्कि एक लड़की की आवाज भी सुनाई देती है। इसके अलावा उन्हें कई बार ऐसा आभास भी हुआ है जैसे कोई लड़की उनका पीछा कर रही है।

चलिए आपको यह भी बताते हैं कि, यहां इन हजारों डरावनी गुड़ियाओं के होने की कहानी भी कितनी रोचक है।

 

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आपको बता दें कि इस आइलैंड के इन पेड़ों पर इतनी सारी गुड़िया डॉन जूलियन नामक व्यक्ति ने टांगी थीं। जूलियन यहां शहर से दूर अपनी पत्नी के साथ रहता था। तब एक दिन उसे नहर में एक बच्ची का मृत शरीर मिला। और उसके कुछ ही दिनों बाद उसी नहर में जूलियन को एक गुड़िया भी मिली। तभी से जूलियन को उस बच्ची की रूह परेशान करने लगी। तब जूलियन को लगा कि क्यों ना बच्ची की आत्मा की शांति के लिए पूरे आईलैंड पर गुड़िया टांग दी जाए। जिसके बाद उसने पेड़ों के अलावा अपने घर के चारों ओर भी गुड़ियाओं को रस्सी से टांग दिया ताकि उसका बच्ची का भूत उसे तंग ना करे।

परंतु यहां पर्यटकों कहना है कि उन्हें आज भी किसी लड़की की आवाज सुनाई देती है। यहां का मंजर इतना खौफनाक होने के बाद भी प्रतिवर्ष यहां ढेरों पर्यटक आते हैं। वहां की स्थानीय भाषा में इस स्थान को ‘चाइनाम्पस’ कहा है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, 1987 में यूनेस्को ने इस जगह को विश्व धरोहर भी घोषित किया था।

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