CORONA ALERT : एक शताब्दी पहले भी महामारी के दौरान ये जानलेवा गलती कर बैठे थे कई देश हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि ऊंचाई का पैटर्न स्पष्ट नहीं है, लेकिन शोधकर्ता कोरोनावायरस और ऊंचाई के बीच संभावित संबंधों का अध्ययन कर रहे हैं। हाल ही रेस्पीरेटरी फिजियोलॉजी एंड न्यूरोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक शोध प्रकाशित हुआ है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, बोलीविया, कनाडा और स्विटजरलैंड के शोधकर्ता बोलीविया, इक्वाडोर और तिब्बत में महामारी के आंकड़ों को देखने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे कि तीन हजार मीटर की ऊंचाई से ऊपर आबादी तराई की तुलना में कम संक्रमित हुई है। तराई वाले चीन की तुलना में तिब्बत में यह काफी कम है। जबकि बोलीवियाई एंडीज में देश के बाकी हिस्सों से तीन गुना और इक्वाडोरियन एंडीज से चार गुना कम संक्रमण फैला।
Corona : कम्युनिटी ट्रांसमिशन हुआ तो क्या होगा? इसलिए ऊंचाई पर कम रहा संक्रमण
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि ऊंचाई पर रहने वाली आबादी को हाइपोक्सिया (रक्त में ऑक्सीजन की कमी) की क्षमता का लाभ मिला होगा। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्र के कारण शुष्क हवा, मैदानी इलाकों से अधिक अल्ट्रावायलेट विकिरण और कम वायुदाब जैसी परिस्थितियां कोरोना वायरस के सर्वथा प्रतिकूल हैं। वायुदाब की कमी में वायरस की क्षमता को कमजोर करता है।
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि ऊंचाई पर रहने वाली आबादी को हाइपोक्सिया (रक्त में ऑक्सीजन की कमी) की क्षमता का लाभ मिला होगा। इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्र के कारण शुष्क हवा, मैदानी इलाकों से अधिक अल्ट्रावायलेट विकिरण और कम वायुदाब जैसी परिस्थितियां कोरोना वायरस के सर्वथा प्रतिकूल हैं। वायुदाब की कमी में वायरस की क्षमता को कमजोर करता है।
सितंबर के मध्य तक खत्म हो जाएगा देश में कोरोनावायरस ये नहीं मानते ऊंचाई और विकिरण की थ्योरी
सैन फ्रांसिस्को की कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों का अध्ययन कर रहे पीटर चिन हांग का कहना है कि वायरस का कैरियर इंसान ही है, ऊंचाई से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ विशेषज्ञ पर्यावरणीय कारकों की भूमिका को खारिज करते हैं। वे ऊंचाई के कारण अल्ट्रावायलेट विकिरण के स्तर जैसी बातों को अप्रासंगिक मानते हैं। इनका मत है कि अधिक ऊंचाई वाले स्थानों के लिए दूसरी जगह कम जाते हैं, जिसस वायरस का संचरण ज्यादा नहीं हो सका।
सैन फ्रांसिस्को की कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों का अध्ययन कर रहे पीटर चिन हांग का कहना है कि वायरस का कैरियर इंसान ही है, ऊंचाई से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ विशेषज्ञ पर्यावरणीय कारकों की भूमिका को खारिज करते हैं। वे ऊंचाई के कारण अल्ट्रावायलेट विकिरण के स्तर जैसी बातों को अप्रासंगिक मानते हैं। इनका मत है कि अधिक ऊंचाई वाले स्थानों के लिए दूसरी जगह कम जाते हैं, जिसस वायरस का संचरण ज्यादा नहीं हो सका।