‘ईदी अमीन’ है दुनिया का सबसे क्रूर और निर्दयी तानाशाह, खाता था इंसानों का मांस पीता था उनका खून

ईदी तानाशाह की जन्म की तारीख नहीं है किसी को मालूम
8 साल तक चला था ईदी का शासन काल

<p>Idi Amin </p>

नई दिल्ली: दुनियाभर में कई ऐसे तानाशाह ( dictator ) हुए, जो अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते हैं। आपने हिटलर समेत कई ऐसे ही तानाशाहों का नाम सुना और उनके बारे में भी पढ़ा होगा। लेकिन हम आपको युगांडा के एक ऐसे तानाशाह के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी क्रूरता का सामने अच्छे से अच्छे तानाशाह भी नहीं ठहरते। बताया जाता है कि ईदी तानाशाह ने कम से कम 6 महिलाओं से शादी की थी। वहीं ज्यादातर लोगों का मानना है कि उसके 30 से 45 बच्चे थे।

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दरअसल, 6 फीट 4 इंच लंबे और 135 किलो का युगांडा ( Uganda ) के तानाशाह ईदी अमीन को दुनिया के सबसे क्रूर और निर्दयी तानाशाहों में गिना जाता है। ईदी का जन्म साल 1925 में हुआ था, लेकिन उसकी जन्म की तारीख कोई नहीं जानता है। उसके शासन काल वैसे तो 8 साल का था, लेकिन उसने इतने समय में ही क्रूरता की सारी हदें पारी कर दी। ईदी के शासन के दौरान मानव अधिकारों के दुरूपयोग, राजनीतिक दमन, जातीय उत्पीड़न, गैर कानूनी हत्याओं, पक्षपात, भ्रष्टाचार और सकल आर्थिक कुप्रबंधन जैसी अनेको चीजें हुई। अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षकों और मानव अधिकार समूहों का अनुमान है कि उसके शासन में 1,00,000 से 5,00,000 लोग मार डाले गए थे।

बताया जाता है कि ईदी एशियाई लोगों से नफरत करता था। उसने इस तर्क के साथ अपने देश से सारे एशियाईयों को बाहर निकाल किया था कि अल्लाह ने उससे कहा था कि वो इन सब को देश से तुरंत बाहर निकाल दे। अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमीन के इतने प्रेम संबंध थे कि उनकी गिनती करना मुश्किल है। कहा जाता है कि एक समय में उसका कम से कम 30 महिलाओं का हरम हुआ करता था जो पूरे युगांडा में फैला होता था। ये महिलाएं ज्यादातर होटलों, दफ्तरों और अस्पतालों में नर्सों के रूप में काम करती थीं। ईदी अमीन के शासन काल में स्वास्थ्य मंत्री रहे हेनरी केयेंबा ने एक किताब लिखी थी ‘अ स्टेट ऑफ ब्लड: द इनसाइड स्टोरी ऑफ ईदी अमीन’। इस किताब में उन्होंने अमीन की दरिंदगी बयां की है। उन्होंने लिखा है कि एक बार अमीन अस्पताल के मुर्दाघर में गया था, जहां उसके दुश्मनों के शव रखे गए थे। उसने उन शवों के साथ क्या किया, यह तो किसी ने नहीं देखा, लेकिन कुछ युगांडावासियों का मानना है कि उसने अपने दुश्मन का खून पिया, जैसा कि काकवा जनजाति में प्रथा है। अमीन काकवा जनजाति से आता था।

अपनी किताब में केयेंबा ने लिखा है कि कई बार राष्ट्रपति और दूसरे लोगों के सामने अमीन ने शेखी बघारी थी कि उसने इंसानों का मांस खाया है। किताब में लिखा है कि ‘मुझे याद है अगस्त 1975 में जब अमीन कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी जाएर यात्रा के बारे में बता रहा था तो उसने कहा कि वहां उसे बंदर का गोश्त परोसा गया जो कि मानव के गोश्त से अच्छा नहीं था। लड़ाई के दौरान अक्सर होता है कि आपका साथी सैनिक घायल हो जाता है। ऐसे में उसको मार कर खा जाने से आप भुखमरी से बच सकते हैं।’ अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘अमीन के समय में युगांडा में भारत के उच्चायुक्त रहे मदनजीत सिंह ने अपनी किताब ‘कल्चर ऑफ द सेपल्करे’ में लिखा है कि अमीन के पुराने घर कमांड पोस्ट में एक कमरा हमेशा बंद रहता था। उसमें सिर्फ अमीन के एक पुराने नौकर मोजेज अलोगा को ही जाने की इजाजत थी और वो भी उसे साफ करने के लिए। एक बार अमीन की पांचवीं बीबी सारा क्योलाबा जबरदस्ती उस कमरे में चली गई थी। उसने देखा कि कमरे में दो रेफ्रीजरेटर रखे हुए थे। जब उसने एक रेफ्रीजरेटर खोला तो वो चिल्ला कर बेहोश हो गई। उसमें उसके एक पूर्व प्रेमी जीज गिटा का कटा हुआ सिर रखा हुआ था। कहते हैं कि सारा के प्रेमी की तरह अमीन ने कई और महिलाओं के प्रेमियों के सिर कटवाए थे।’

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