जालोर में आसमान से गिरा 3 किलो का उल्कापिंड, 6 धातुओं से बने इस पिंड की करोड़ों में है कीमत

UlkaPind Fallen in Jalor : पौने तीन किलो का है उल्कापिंड, इसमें प्लेटिनम समेत अन्य कीमती धातुओं की परत चढ़ी हुई है
उल्कापिंड गिरने पर जमीन में हुआ गड्ढ़ा, तीन घंटे तक निकलती रही इससे आग

<p>UlkaPind Fallen in Jalor</p>
नई दिल्ली। आकाशगंगा (Galaxy) में अक्सर तारों और उल्कापिंड (Meteorite) के बीच टक्कर होती रहती हैं। कुछ महीने पहले जहां चंद्रमा की धूमकेतु से हुई टक्कर से सहारा रेगिस्तान (Sahara Desert) में चांद का एक बड़ा-सा टुकड़ा धरती पर आ गिरा था। वैसे ही जालोर (Jalor) में एक भारी भ्ररकम उल्कापिंड का टुकड़ा आसमान से आ गिरा है। ये पिंड करीब पौने तीन किलो का है। ये प्लेटिनम (Platinum) समेत 6 धातुओं से मिलकर बना हुआ है। शोधकर्ताओं के अनुसार इसकी कीमत करोड़ों रुपए में है।
बताया जाता है कि राजस्थान (Rajasthan) के जालोर जिले के सांचौर में एक कॉलेज के पास अचानक बम का धमाका सुनाई दिया। वहां लोगों को आसमान से गिरती हुई एक चमकदार चीज दिखाई दी। ये इतनी तेजी से गिरी कि ये मिट्टी में धंस गई। जांच में पाया गया कि ये उल्कापिंड का एक टुकड़ा है। जां ग्रहों से टक्कर के दौरान जमीन पर आ गिरा है। धातु का वजन 2 किलो 788 ग्राम निकला। कम्प्यूटर और मशीन से इसकी जांच में पाया गया कि उल्कापिंड की सतह में प्लेटिनम 0.05 ग्राम, नायोबियम 0.01 ग्राम, जर्मेनियम 0.02 ग्राम, आयरन 85.86 ग्राम, कैडमियम की मात्रा 0.01 ग्राम और निकिल 10.23 ग्राम है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार उल्का पिंड की जांच में सतह से 5-6 धातुओं के बारे में पता चला है। जिसमें प्लेटिनम सबसे महंगी है। इसकी कीमत 5 से 6 हजार रुपये प्रतिग्राम है। वहीं अगर इसके अंदर और भी कीमती परतें निकलती हैं तो इसकी कीमत करोड़ों रुपए की हो सकती है। बताया जाता है कि ये घटना शुक्रवार सुबह करीब सवा 6 बजे हुई। बम जैसे तेज धमाके के साथ गिरे इस उल्कापिंड को देख लोग दहशत में आ गए। इससे तीन घंटे तक आग निकलती रही। बाद में ये बुझ गई। मगर जिस जगह ये पिंड गिरा वहां एक गड्ढ़ा बन गया है।
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