गोवा के जंगलों में दिखे रहस्यमयी मशरूम, रात के अंधेरे में इनसे निकलती है रौशनी

Bio Luminescent Mushrooms : गोवा के म्हाडेई वाइल्डलाइफ सेंचुरी में दिखाई दिए रात में चमकने वाले मशरूम
इन्हें बायो-ल्यूमिनिसेंट मशरूम कहते हैं। इनसे नीले, हरे और बैंगनी रंग की रौशनी निकलती है

<p>Bio Luminescent Mushrooms</p>
नई दिल्ली। यूं तो दुनिया में खाने-पीने की कई चीजें हैं। जिनमें से एक मशरूम भी है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन के चलते कई लोग इसे अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं। तो वहीं भारतीय थाली में मशरूम को एक लजीज पकवान के तौर पर शामिल किया जाता है। एक कवक की तरह दिखने वाले मशरूम की वैसे तो कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ जहरीली भी होती हैं। मगर क्या कभी आपने ऐसा मशरूम (Mushroom) देखा है जो रात के अंधेरे में जुगनू जैसा चमकता हो। ये बात सुनकर भले ही आप चौंक गए हो, लेकिन ये बिल्कुल सच है।
गोवा के जंगलों में ऐसे ही अनोखे मशरूमों को देखा गया है। जिनका नाम बायो-ल्यूमिनिसेंट मशरूम (Bio Luminescent Mushrooms) है। कहा जाता है कि ये रात के अंधेरे में किसी बल्ब की तरह जगमगाते नजर आते हैं। ये दृश्य देखने में काफी रोमांचक है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दिन के उजाले में ये आम मशरूम की तरह ही दिखते हैं, लेकिन रात में ये टिमटिमाने लगते हैं। ये हल्के नीले-हरे और बैंगनी रंग में चमकते दिखाई देते हैं। रोशनी देने वाला यह मशरूम गोवा के म्हाडेई वाइल्डलाइफ सेंचुरी (Mhadei Wildlife Sanctuary) में पाया गया है। इस सेंचुरी को मोलेम नेशनल पार्क या महावीर वाइल्डलाइफ सेंचुरी के नाम से भी जाना जाता है।
वन्य जीव विशेषज्ञों के अनुसार मशरूम की इस प्रजाति को माइसेना जीनस (Mycena Genus) कहते हैं। यह रात में रोशनी इसलिए छोड़ता है ताकि इसपर मौजूद बीजाणु (Spores) कीड़ों के जरिए जंगल में अन्य जगहों पर फैल जाएं और इस मशरूम की तादात बढ़े। यह एक खास प्रकार का कवक (Fungi) होता है. अब तक रोशनी छोड़ने वाले मशरूम की 50 प्रजातियों का पता चला है। गोवा में मिलने वाले मशरूम सिर्फ बारिश के सीजन में ही दिखाई पड़ते हैं।
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