इस अजीबो-गरीब दिखने वाली बीमारी का नाम हार्लेक्विन इक्थियोसिस (Harlequin ichthyosis) है। इस रोग में शिशु की त्वचा बहुत सख्त और विकृत होती है। इसमें शरीर पर ऐसे निशान दिखते हैं जैसे किसी ने चाकू से चीरें बनाए हो। यह मुख्य रूप से ऑटोसोमल रिसेसिव बीमारी है। डॉक्टरों का मानना है कि एक ही परिवार या रिश्तेदारी में शादी होने की वजह से ऐसी बीमारी होने की आशंका रहती है। बच्चे का जन्म इसी हफ्ते बंगाल के एक प्राइवेट अस्पताल में हुआ है।
डॉक्टर ने बताया कि एक प्रैग्नेंट महिला भीषण दर्द की शिकायत के बाद वहां पहुंची थी। नौ महीने के दौरान उसने कभी कोई टेस्टिंग नहीं कराई थी। वह अन्य बीमारी के इलाज के लिए आई थी। चेकअप के बाद महिला का USG टेस्ट कराया गया। इसमें पता चला कि बच्चे को कुछ कनेक्टिव टिश्यू डिसआर्डर हो सकते हैं। जन्म के समय ऐसा ही हुआ, बच्चा दुर्लभ बीमारी के साथ पैदा हुआ। उसका शरीर ठीक से विकसित नहीं हो पाया। उसकी न तो आंखे बन पाईं और न ही कान। उसके पूरे शरी पर सिर्फ अजीब निशान पाए गए। प्राइवेट अस्पताल की डॉक्टर का कहना है कि ये एक रेअर बीमारी है। मेडिकल हिस्ट्री में अभी तक इस बीमारी से पूरी दुनिया में करीब 200 से 250 केस ही मिले हैं। इस रोग से पीड़ित बच्चे को बचाना बेहद मुश्किल होता है।
ऐसे नवजात के बचने की संभावना शून्य से महज 5% तक की रहती है। बच्चे की ऐसी हालत देख पैरेंट्स सहमे हुए है। उन्हें बच्चे को अपनाने के लिए काउंसलिंग की जरूरत पड़ी। वैसे डॉक्टरों ने माता—-पिता से अनुमति मांगी है कि अगर उनका बच्चा जीवित नहीं रहता है तो वे उसे रिसर्च के लिए मेडिकल टीम को सौंप दें। वैसे इस समय बच्चे को ज्यादा बेहतर मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए रेफर किया गया है।