अफ्रीका की गुफा में 78 हजार साल पुरानी कब्र मिली

पाषाण युग में अंतिम संस्कार की परंपरा का पता चला।शोधकर्ताओं ने अस्थि-पंजर अध्ययन के लिए स्पेन भेजे।

<p>अफ्रीका की गुफा में 78 हजार साल पुरानी कब्र मिली</p>

नई दिल्ली। शोधकर्ताओं को अफ्रीका में 78 हजार साल पुरानी कब्र मिली है। यह करीब तीन साल के एक बच्चे की है, जिसके पैरों को छाती की ओर मोड़कर दफनाया गया था। माना जा रहा है कि यह अफ्रीका की सबसे पुरानी कब्र है। कब्र केन्या तट के पास एक गुफा के भीतर मिली। वहां कुछ आभूषण, चढ़ावा और मिट्टी की नक्काशी भी मिली है। इससे अंदाजा लगाया गया कि यह पाषाण युग की कब्र है। साइंस जर्नल ‘नेचर’ ने विस्तृत रिपोर्ट दी है।

यह स्पष्ट नहीं है कि दफनाया गया बच्चा लड़का है या लड़की। इसे कफन में सलीके से लपेटा गया। इसका सिर शायद तकिए पर रखा गया था। स्पेन के बुरगोस नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन ह्यूमन इवोल्यूशन की निदेशक मारिया मार्टिनोन टोरेस का कहना है कि शायद तब समुदाय अंतिम संस्कार की परंपरा को मानता था। इससे पहले 2013 में पांगा या सैदी गुफा में एक बच्चे की हड्डियां मिली थीं। अब गोल गुफा में जमीन से तीन मीटर नीचे जो कब्र खोजी गई है, उसकी हड्डियों का अध्ययन चुनौतीपूर्ण काम था। पुरातत्व विशेषज्ञों ने प्लास्टर के जरिए इनका बंडल बनाया और स्पेन भेज दिया।

होमो सेपियंस के बारे में मिलेगी जानकारी –
मारिया मार्टिनोन का कहना है, ‘हमने खोपड़ी और चेहरे के हिस्सों को अलग करना शुरू किया। रीढ़ की हड्डी काफी संरक्षित थी। माइक्रोस्कोपिक अध्ययन ने पुष्टि की कि मिट्टी से ढंका इस बच्चे का शव करीब 78 हजार साल पुराना है। ‘होमो सेपियंस मूल रूप से अफ्रीका समुदाय था। यूरोप या मिडिल ईस्ट की तुलना में इनके अंतिम संस्कार के नियमों के बारे में काफी कम जानकारी उपलब्ध है। इससे पहले इजरायल में 1,20,000 साल पुरानी कब्र मिल चुकी है।

तब और अब का सांस्कृतिक अंतर-
इस अद्भुत खोज से शोधकर्ता काफी उत्साहित हैं। इससे होमो सेपियंस समुदाय के सामाजिक व्यवहार का अंदाजा लगाया जा सकता है। साथ ही पता चलता है कि अफ्रीका के आधुनिक इंसानों से वे कितने अलग थे।

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