बताया जाता है कि मकर संक्रांति के पर्व पर मुर्गों की लड़ाई ; का खेल चल रहा था। लोग इस पर सट्टा लगा रहे थे। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर जा पहुंची और वहां 10 लोगों को धर दबोचा। साथ ही पुलिस ने मुर्गों को भी पकड़ लिया। हालांकि पुलिस के आने से पहले ही वहां से कई लोग रफूचक्कर हो गए थे। कुछ दिनों बाद पुलिस के हिरासत में मौजूद लोग जमानत पर रिहा हो गए, लेकिन बेचारे मुर्गे जेल में ही फंसे रह गए। उन्हें न तो कोई छुड़ाने आया और ना ही किसी ने दावेदारी पेश की। लिहाजा पुलिस ने मुर्गों को सबूत के दौर पर हवालात में रख रखा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय पुलिस का कहना है कि इन मुर्गों को मामले की सुनवाई के बाद ही छोड़ा जा सकता है। जब अदालत से इन्हें छोड़ने का आदेश मिलेगा तो इनकी बोली लगेगी। सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले व्यक्ति को दोनों मुर्गे दे दिए जाएंगे। मालूम हो कि पुलिस ने तेलंगाना के खम्मम से 10 आरोपियों और दो मुर्गों को हिरासत में लिया था। उनके पास से बाइक भी बरामद की गई थी। मामला 10 जनवरी का है। तब से मुर्गे मिदिगोंडा पुलिस स्टेशन में बंद हैं।