वॉकएक्टिव तकनीक में चलने का तरीका
शुरुआत तीन दिन गिनें अपने औसत कदम , फिर धीरे-धीरे तीन या चार बार में 5,000 तक पहुंच जाएंगे।
डाइट शाम पांच बजे के बाद कार्बोहाइड्रेट लेने से बचें।
समय सप्ताह में कम से कम 3-4 बार 15-20 मिनट चलें और धीरे-धीरे रफ्तार बढ़ाएं।
वार्मअप शुरू करने से पहले सिर से पैर की अंगुली तक को वॉर्मअप करना जरूरी है
एकाग्रता कुछ सप्ताह के लिए यह तरीका अजीब लग सकता है लेकिन एकाग्रता के साथ पालन करने पर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
दूरी का ख्याल
चलते समय कान और कंधों के बीच की दूरी का ख्याल रखें।
कंधे-गर्दन स्थिर
कंधों व गर्दन को स्थिर रखें, जिससे पीठ में तनाव व खिंचाव पैदा नहीं होगा। फेफड़े भी खुलकर सांस ले सकेंगे।
पेडोमीटर
कदमों की संख्या गिनने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
पांव उठाकर चलें
पांव को ऐसे उठाकर चलें कि पीछे वाले व्यक्ति को आपके पांव का पूरा तलवा साफ दिखाई दे। इससे एड़ी का दर्द भी नहीं होगा।
सांस
श्वसन प्रक्रिया सामान्य रखें।
90 डिग्री कोण
शुरू में बाजुओं का 90 डिग्री के कोण पर होना जरूरी है, बाद में 120 डिग्री पर आगे-पीछे हिलाएं
पेट अंदर-बाहर
पेट को अंदर-बाहर करने से पेशियां सक्रिय होती हैं, इससे कदमों का अंतराल बढ़ता है।
धीमी गति
यदि तकनीक कठोर और तनावपूर्ण लगे तो धीरे-धीरे चलें, पूरी तरह से विश्वास होने के बाद ही रफ्तार बढ़ाएं
डग
कदमों का अंतराल व्यक्ति की फिटनेस पर निर्भर करता है।
ताउम्र असर
01 मिनट चलने से आपकी उम्र डेढ़ से दो मिनट बढ़ जाती है
20 मिनट चलने से आपका तीन किलो मोटापा कम होता है
20 मिनट हर सप्ताह चलने पर जिंदगी के कुछ साल बढ़ाए जा सकते हैं।
45 मिनट रोजाना वॉक करने पर जुकाम होने की आशंका आधी रह जाती है।