इन पांच दुश्मनों से बचकर रहें

जब कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में शराब का सेवन करता है तो 8-10 सालों में उसका लिवर खराब होने लगता है। अक्सर लोग सोचते हैं कि वे…

<p>Alcohol Smoking </p>

एल्कोहल से खतरा

जब कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में शराब का सेवन करता है तो 8-10 सालों में उसका लिवर खराब होने लगता है। अक्सर लोग सोचते हैं कि वे कभी-कभार ही शराब पीते हैं लेकिन इससे धीरे-धीरे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है और आगे चलकर लिवर प्रभावित हो जाता है। कभी-कभी शराब पीने वाले यदि लिवर रोग से ग्रस्त हों तो शराब से इस अंग को अधिक नुकसान होने की आशंका रहती है। शराब में एथेनॉल कैमिकल होता है जो शरीर में एसिटेल्डिहाइड और एसिटिक एसिड में बदलकर लिवर को नुकसान पहुंचाता है। धीरे-धीरे कोशिकाएं नष्ट होकर एक दूसरे से चिपकने लगती हैं और लिवर सिरोसिस की समस्या हो जाती है।

स्मोकिंग का जहर

धूम्रपान से जो धुंआ लिवर तक जाता है उसमें कार्सिनोजेनिक व अन्य कई ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो धीरे-धीरे इस अंग को नुकसान पहुंचाकर कैंसर की आशंका को बढ़ाते हैं।

पेन किलर की हाई डोज

जब लोग बिना डॉक्टरी सलाह के पेन किलर लेते रहते हैं तो ये लिवर में से एंजाइम्स को खत्म कर देती हैं जिससे पाचनक्रिया, हार्मोंस का निर्माण, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होने लगती है और लिवर प्रभावित हो जाता है।

वायरल इंफेक्शन

दूषित पानी व भोजन, असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई के इस्तेमाल, नशा और दूषित रक्त से हेपेटाइटिस वायरस हो सकता है जो लिवर खराब करता है। इसमें वायरस लिवर में प्रवेश कर इसकी कोशिकाओं को नष्ट कर कार्यप्रणाली को बाधित कर देते हैं। जिससे लिवर फेल हो जाता है और कई बार लिवर कैंसर की भी आशंका हो सकती है।

हाई कोलेस्ट्रॉल की मार

लिवर का काम भोजन में से अच्छी वसा को ग्रहण कर बुरी वसा को अपशिष्ट के रूप में निकाल देना है। आमतौर पर जब कोई व्यक्ति वसायुक्त आहार अधिक मात्रा में लेता है तो लिवर को इसे पचाने में समय लगता है। लेकिन वहीं व्यक्ति अपने दूसरे समय के भोजन के लिए तैयार हो जाता है। नतीजतन वसा ठीक से पच नहीं पाती, लगातार ऐसा ही भोजन करते रहने से यह मोटापा त्वचा के साथ-साथ लिवर व दूसरे अंगों में भी बढ़ता जाता है। इसे नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज कहते हैं।

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