वजन घटाने के लिए जानें ‘GI’ के बारे में

Nutritionist Glycemic Index – ये जानना जरूरी है कि जी आई होता क्या है?

<p>Nutritionist Glycemic Index &#8211; ये जानना जरूरी है कि जी आई होता क्या है?</p>

मोटापे की समस्या को लेकर आजकल हर उम्र का इंसान परेशान है और इसे नियंत्रित करने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जी आई ) कम करने पर जोर दे रहे हैं। ये जानना जरूरी है कि जी आई होता क्या है? हमारे भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा देने का सबसे बढ़िया स्रोत है। ये दिमाग, मांसपेशियों और दूसरे जरूरी अंगों के लिए बहुत फायदेमंद है। जब खाना पाचनतंत्र में जाता है तो कार्बोहाइड्रेट शुगर में टूट जाता है और रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। ये गतिविधियां कितनी तेजी से होती हैं, इसकी माप जी आई के माध्यम से की जाती है।

जीआई वाला खाना –
अगर कार्बाेहाइड्रेट युक्त खाना बहुत जल्दी टूटकर ग्लूकोज बन जाए और तेजी से रक्त में मिल जाए तो वह ज्यादा जीआई वाला खाना है। वहीं, अगर खाना धीरे-धीरे टूटकर ग्लूकोज में परिवर्तित होता है और धीमी गति से रक्त में मिलता है तो वह कम जीआई वाला खाना है। ऑल इंडिया इंस्टटयूट ऑफ् मेडिकल साइंसेज की डाइटीशियन के अनुसार जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे मोटापा, डायबिटीज और बीपी आदि को रोकने व उन्हें नियंत्रित करने के साथ सेहतमंद रहने के लिए कम जीआई वाले खाने को डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए। ज्यादा जीआई वाले खाने की बजाय कम जीआई वाला खाना खाएं, जैसे सफेद पॉलिश चावल की बजाए ब्राउन राइस लें। बादाम, चना दाल, दही, दूध, पनीर, संतरा, पपीता, आम, तरबूज, केला आदि कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ हैं।

खाने पर ध्यान दें –
वजन कम करने के लिए कम जी आई वाला भोजन काफी महत्त्वपूर्ण होता है। किसी भी खाने का जीआई 55 या इससे कम है तो वह खाना धीरे-धीरे पचता है और इससे ज्यादा समय तक पेट भरे होने का एहसास रहता है। अगर किसी खाने का जीआई 70 या इससे अधिक है तो जल्दी भूख लगती है और इससे ज्यादा खाना खाया जाता है। भरवां परांठे के बदले भरवां रोटी खाएं। समोसे/पकौड़े की बजाय इटली/उपमा/पोहा लें। मिठाई के बदले गुड़/सूखे मेवे। कोल्ड ड्रिंक की जगह नारियल, नींबू पानी। दूध वाली चाय के बदले हर्बल टी या लेमन टी लें। जूस की जगह संतरा/मौसमी खाएं।

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